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Homeउत्तर प्रदेशश्यामा श्याम की नित्य बिहार लीला स्थली है श्रीहित रासमण्डल।

श्यामा श्याम की नित्य बिहार लीला स्थली है श्रीहित रासमण्डल।

श्यामा श्याम की नित्य बिहार लीला स्थली है श्रीहित रासमण्डल।

वृन्दावन:-( मथुरा से अजय ठाकुर) गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा श्रीहित रासमण्डल पर चल रहे रसिक सन्त वैद्य भूषण माखन चोर दास महाराज के अष्ट दिवसीय जयंती महोत्सव के चौथे दिन मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास देवाचार्य महाराज ने श्रीमद्भक्तमाल की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि श्रीमहंत माखन चोर दास महाराज के हृदय में संसार की किसी भी वस्तु के प्रति आशक्त नही थी। वे केवल श्रीजी के प्रति ही पूर्ण समर्पित थे। वह करुणा के सागर थे। उन्हें सुख-दुख दोनों से ही निवृत्ति थी। उनके हृदय में ज्ञान,भक्ति, वैराग्य प्रतिष्ठित था। वह ब्रज रज रसिक थे। श्रीधाम वृन्दावन और श्रीजी की सेवा ही उनका अभीष्ट था। उन्होंने कहा कि श्रीहित रासमण्डल श्रीधाम वृन्दावन का दैदीप्यमान ललाट है। यह श्यामा-श्याम की नित्य विहार लीला स्थली है। इस स्थान से प्रेमा भक्ति का प्रचार-प्रसार समूचे विश्व में हो रहा है।

मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्र दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीहित रासमण्डल में स्थित वट वृक्ष में राधा वल्लभीय सन्त सेवक जी महाराज सशरीर समाहित हो गए थे।आज भी भक्त श्रद्धालु इस वट वृक्ष के दर्शन करके अपने को धन्य महसूस करते हैं। साथ ही यह स्थान राधा वल्लभीय संत ध्रुवदास महाराज की भी साधना स्थली है। जिन्होंने कि विश्व प्रसिद्ध “बयालीस लीला” ग्रन्थ की रचना की। वह भी यहां स्थित तमाल लता में सशरीर विलीन हो गए थे। इस अवसर पर रासाचार्य स्वामी पंडित देवेन्द्र वशिष्ठ की रासलीला मण्डली के द्वारा श्रीराधा वल्लभ सम्प्रदाचार्र्य  श्रीहित हरिवंश महाप्रभु के जीवन चरित्र का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया। महामहोत्सव में श्री महन्त लाड़िली  शरण महाराज, महन्त दम्पत्ति शरण महाराज, सन्त रसिक माधव दास, भागवताचार्य रामप्रकाश भारद्वाज मधुर, महोत्सव समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, संगीता चार्य स्वामी देवकीनन्दन शर्मा, रिफाइनरी क्षेत्र प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश सिंह तरकर, इंद्र शर्मा, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, सन्त रस राज दास महाराज, सन्त गोपेश कृष्ण दास महाराज, आचार्य विष्णु मोहन नागार्च आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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