भारत की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी जल्द ही निजी हाथों में जा सकती है। केंद्र सरकार भारत पेट्रोलियम कॉर्रपोरेशन लिमिटेड में अपनी 53 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी