समाज में लैंगिक समता केवल कानून बनाकर नहीं लाई जा सकती:- संभाग आयुक्त श्री ओझा

समाज में लैंगिक समता केवल कानून बनाकर नहीं लाई जा सकती:- संभाग आयुक्त श्री ओझा

ग्वालियर:-  संभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा ने कहा कि समाज में लैंगिक समता केवल कानून बनाकर नहीं लाई जा सकती। इसके लिए हमें अपनी मानसिक सोच में परिवर्तन की आवश्यकता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से इस दिशा में काफी सुधार देखने को मिला है। ग्वालियर संभाग आयुक्त श्री ओझा बुधवार को होटल तानसेन में जेंडर सेंसटरजेशन एवं जेंडर बजटिंग विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री विकास नारायण राय ने अपने उदबोधन में कहा कि लैंगिक समता के लिए परिवार में, स्कूलों एवं कॉलेज में संवेदीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज के बीच कार्य करने वाले विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी लैंगिक संवेदनशलाता के साथ काम करना जरूरी है। उन्होंने कार्यशाला में जेण्डर बजटिंग की अवधारणा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यशाला में जीवाजी विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष श्री एम पी एस चौहान, एसपी साइबर क्राइम के श्री सुधीर अग्रवाल एवं नव गुरूकुल संस्था की कु. सुरभि ने अपने विचार व्यक्त किए।

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