कांग्रेस के लिए इस बार भी शायद राह आसान नहीं होती दिख रही है।

कांग्रेस के लिए इस बार भी शायद राह आसान नहीं होती दिख रही है।

ग्वालियर:-  पिछले विधानसभा चुनाव में ग्वालियर की छह सीटों में चार पर बीजेपी और दो पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी लेकिन इस बार कांग्रेस को ये समीकरण बदलते दिख रहे हैं और कार्यकर्ता उत्साह में हैं। जयभान पवैया जैसे बीजेपी के हैवीवेट उम्मीदवार को हराने के लिए कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह तोमर भी अपना सियासी वजन तौल रहे हैं, वो कहते हैं कि जनता के मुद्दे पर वो 21 बार जेल जा चुके हैं।  वे कहते हैं, ‘मुझ पर लूट का मामला नहीं दर्ज है।  पानी और बिजली के मुद्दे पर जेल गया हूं’।ग्वालियर में साफ पानी, सड़क और बेरोजगारी मुख्य मुद्दा है। जेसी मिल सहित 84 फीसदी उद्योग बंद हो चुके हैं. जिसके आधार पर कांग्रेस बीजेपी को घेरने में जुटी है।बीजेपी अपने जमीनी कार्यकर्ताओं के दम पर जनता को भरोसे में लेने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस की आपसी गुटबाजी यहां के समीकरणों पर प्रभाव डाल सकती हैं, क्यौकि पिछला  इतिहास उठाकर देखें, तो सभी गुट एक दूसरे की टांग खींचने में कामयाब रहे हैं। जिसका परिणाम ग्वालियर की छह सीटों में चार पर बीजेपी और दो पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।  गुुटबाजी बिधानसभा के चुनाव में हीं नहीं लोकसभा हो या नगर निगम सभी में हावी रही है।

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