
शासकीय स्कूलों में पालक-शिक्षक मीटिंग आयोजित
ग्वालियर:- जिले के सरकारी स्कूलों में शनिवार को अलग ही खुशनुमा माहौल रहा। बच्चों के अभिभावक और प्राचार्य व शिक्षकगणों ने एक साथ बैठकर बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनके व्यक्तित्व विकास के संबंध में साझा रणनीति पर चर्चा की। साथ ही अभिभावकों ने अपने-अपने बच्चों की पढ़ाई से संबंधित कठिनाईयाँ बताईं तो शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिये उपयोगी सुझाव भी दिए। वहीं शिक्षकों ने अभिभावकों को उनके बच्चों द्वारा की जा रही पढ़ाई की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया। मौका था शासकीय स्कूलों में आयोजित हुई पालक-शिक्षक संघों की बैठकों का ।
सम्पूर्ण प्रदेश के साथ शनिवार को ग्वालियर जिले के शासकीय स्कूलों में भी पालक-शिक्षक बैठकें हुईं। इन बैठकों में पालकों के साथ-साथ विद्यार्थी भी शामिल हुए। शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुरार क्र.-1 में हुई पालक-शिक्षक संघ की बैठक में अपने पौत्र आकाश की पढ़ाई के बारे में जानकारी लेने श्री आर आर सारस्वत पहुँचे थे। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने विधिवत पालक शिक्षक संघ की बैठकें आयोजित करने का निर्णय लेकर सराहनीय पहल की है। अभी तक निजी स्कूलों में इस तरह की बैठकें हुआ करती थीं। निश्चित ही शासकीय स्कूलों में पालक-शिक्षक संघ की बैठकों से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आयेगा। साथ ही विद्यालय के माहौल में सकारात्मक बदलाव आयेगा।
ग्यारहवीं में पढ़ रही अपनी बिटिया कु. प्रिया शर्मा के साथ उत्कृष्ट विद्यालय की पालक-शिक्षक संघ की बैठक में पहुँचे श्री अरविंद शर्मा का कहना था कि शिक्षकों व पालकों के समन्वय से बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा। एक अन्य अभिभावक श्री निरंजन सिंह का कहना था कि मेरी बिटिया कु. अनुष्का आज काफी खुश है। बेटी कहा करती थी कि पापा आप हमारे स्कूल में कभी नहीं आते। आज बिटिया के साथ शिक्षकों से पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते हुए मुझे बहुत अच्छा लगा। इसके लिये प्रदेश सरकार बधाई की पात्र है।
मालूम हो शासकीय स्कूलों में पालक-शिक्षक मीटिंग आयोजित करने का मूल उद्देश्य पालकों को उनके बच्चे की शैक्षणिक जानकारी देना तथा स्कूल की अकादमी गतिविधियों से अवगत कराना और उनके सुझाव प्राप्त करना एवं बच्चों को प्रेरित कर शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए पालकों को जागरूक करना है।
पालक-शिक्षक संघ की बैठक में प्रमुखत: विद्यार्थी की अर्धवार्षिक परीक्षा/प्रतिभा पर्व की कॉपियां पालकों को दिखाई गई। और परिणाम की जानकारी देकर विद्यार्थी को किन विषयों में अभ्यास की अधिक आवश्यकता है, के संबंध में जानकारी दी गई। विद्यार्थी की शाला में उपस्थिति की स्थिति की जानकारी भी पालकों के साथ साझा कर अनियमित विद्यार्थियों के पालकों को नियमित उपस्थिति के लिये प्रेरित किया गया। पालकों से उनके बच्चे की शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों में रूचि, कक्षा में प्रश्न पूछने एवं उत्तर देने की तत्परता आदि के संबंध में भी चर्चा हुई। इस दौरान शाला में संचालित होने वाली निंदानात्मक (रेमेडियल) कक्षाओं की जानकारी भी पालकों को दी गई। साथ ही बच्चों के पालकों से उनके बच्चों की व्यक्तिगत आदतों, व्यवहार, कक्षा में अध्ययन आदि बिंदुओं पर भी व्यक्तिगत रूप से चर्चा की गई।