
प्रदूषण मुक्त दीपावली, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अपील।
ग्वालियर:- दीपावली त्यौहार पर विभिन्न् प्रकार के फटाखों का उपयोग बडी मात्रा मे किया जाता है। फटाखों के ज्वलनशील एवं ध्वनिकारक होने से परिवेशीय वायु में प्रदूषण तत्वों में ध्वनि स्तर पर में वृद्धि होकर पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है। इसके साथ ही फटाखों के जलने से उत्पन्न् कागजों, टुकडों एवं अधजली बारूद बच जाती है। इसके कचरे में मिलने के बाद पशुओं में दुर्घटना की संभावना रहती है।
क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री एमपी सिंह ने जानकारी दी है कि वन एवं पर्यावरणण् मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर अधिक ध्वनि स्तर जनक फटाखों का विनिर्माण, विक्रय या उपयोग वर्जित किया है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी रिटपिटीशन सिविल में ध्वनि प्रदूषण एवं नियंत्रण के परिप्रेक्ष में 18 जुलाई 2005 को निर्णय में दिये गये निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे से ध्वनि कारक फटाखों का उपयोग पूर्ण प्रतिबंधित किया है।
क्षेत्रीय अधिकारी श्री एमपी सिंह ने आमजनों से अपील की है कि निर्धारित ध्वनि स्तर के फटाखों का उपयोग निर्धारित समय सीमा में सीमित मात्रा में करें। फटाखों के जलने के उपरांत उत्पन्न् कचरे को घरेलू कचरे के साथ ना रखें फटाखों के जलने से उत्पन्न् कचरे को प्राकृतिक स्त्रोत पियजल स्त्रोत के समीप भी ना फेंका जाये। उन्होंने नगरनिगम एवं नगरपालिकाओं से भी आग्रह किया है कि फटाखों से उत्पन्न कचरे को पृथक रूप से संग्रह कर उसका सुरक्षित निष्पादन करायें। पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण हेतु आम नागरिक भी सहयोग प्रदान करें और प्रदूषण मुक्त दीपावली मनायें।