आबकारी विभाग के दुकान खोलने के फैसले से शराब ठेकेदारों में मची खलबली।

आबकारी विभाग के दुकान खोलने के फैसले से शराब ठेकेदारों में मची खलबली।

ग्वालियर:- शराब ठेकेदारों द्वारा प्रदेश के महानगरों की शराब दुकान चलाने से मना करने के साथ ही सरकार ने शराब दुकानें चलाने के लिए कमर कस ली है। ग्वालियर के साथ ही इंदौर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन में दुकानें खोलने की तैयारी की जा चुकी है।  हाईकोर्ट से मुंह की खाने के बाद भोपाल इंदौर ग्वालियर जबलपुर और उज्जैन के शराब ठेकेदार अब आबकारी विभाग के सामने नतमस्तक हो सकते हैं। उन्होंने सरकार के सामने दो प्रस्ताव रखे हैं जिनमें से किसी एक को मानने के बाद वे अपनी दुकानें खोल सकते हैं। शराब ठेकेदारों ने प्रस्ताव रखे हैं कि ठेका राशि में 25 के बजाय 10% की वृद्धि के साथ दुकानें खोलने की मंजूरी दी जाए, और दूसरा प्रस्ताव यह है की सरकार 25प्रतिशत  की मौजूदा बढ़ोतरी के साथ दुकान खोलने को कहती है तो इस बात की गारंटी देना होगी कि आगामी 3 साल तक शराब ठेकों की नीलामी नहीं की जाएंगी। सारे ठेके उनके पास यथावत रखे जाएं हर साल की ठेका राशि में पांच से छह प्रतिशत  की वृद्धि की जाए शराब ठेकेदारों का मानना है कि उनके दोनों प्रस्ताव इस प्रकार है कि ठेकेदार की रकम भी सुरक्षित और सरकार के राजस्व का भी नुकसान नहीं होगा।

गौरतलब है कि सरकार भी यह समझ चुकी है कि आबकारी विभाग के दुकान संचालन से सरकार को ज्यादा फायदा नहीं होगा। इसलिए हो सकता है कि सरकार इन प्रस्तावो पर कोई सकारात्मक निर्णय ले सकती है।

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