शारीरिक पीड़ा रोकी नहीं जा सकती है, लेकिन आध्यात्म के जरिये कम की जा सकती है:-सुश्री जया राव

शारीरिक पीड़ा रोकी नहीं जा सकती है, लेकिन आध्यात्म के जरिये कम की जा सकती है:-सुश्री जया राव

भोपाल:-  भोपाल के मिन्टो हॉल में दो दिवसीय राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव शुरू हुआ। उद्घाटन-सत्र के बाद वेदान्ता विजन की सुश्री जया राव ने आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य विषय पर व्याख्यान दिया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अध्यात्म विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

सुश्री जया राव ने अपने व्याख्यान में कहा कि आध्यात्म हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि शारीरिक पीड़ा रोकी नहीं जा सकती है, लेकिन आध्यात्म के जरिये कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आध्यात्म को किसी धर्म-विशेष से जोड़कर देखा जाना गलत है। आध्यात्म दर्शन से आगे की अवस्था है। सुश्री राव ने कहा कि आध्यात्म के माध्यम से हम अपने लक्ष्य की ओर सरलता से बढ़ सकते हैं। जीवन के तनाव को भी इसके माध्यम से काफी कम किया जा सकता है। कॉन्क्लेव के एक अन्य सत्र में स्वास्थ्य के अधिकार का विधायी और नीति के अंतर्गत क्रियान्वयन विषय पर चर्चा हुई।

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