30 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी एवं गबन के मामले में 15 एफआईआर दर्ज की गई हैं:- कलेक्टर अनुराग चौधरी
ग्वालियर:- एन्टी माफिया अभियान के तहत गृह निर्माण संस्थाओं तथा कॉपरेटिव संस्थाओं में गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने सोमवार को गृह निर्माण समितियों तथा कॉपरेटिव समितियों के संबंध में अधिकारियों की बैठक में उक्त निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने कहा कि कॉपरेटिव संस्थाओं मे धोखाधड़ी और गबन करने वाले जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध पुलिस प्रकरण कायम किए गए हैं उन सबकी सेवायें समाप्त करने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि गबन और धोखाधड़ी के जिन प्रकरणों में एफआईआर दर्ज कराई गई है उनमें संबंधित के विरूद्ध धारा-64 की कार्रवाई करते हुए सम्पत्ति कुर्की की कार्रवाई भी अनिवार्यत: की जाए।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने यह भी निर्देशित किया कि जिन प्रकरणों में एफआईआर दर्ज की गई है उनमें चालान प्रस्तुत करने तथा दोषियों को सजा दिलाने तक निरंतर प्रकरण की मॉनीटरिंग भी की जाए। बैठक में बताया गया कि 38 प्रकरणों में 30 करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि की धोखाधड़ी एवं गबन के मामले में 15 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके विरूद्ध दो लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी के मामलों मे किसी को भी बख्शा नहीं जाए। धोखाधड़ी के प्रकरणों की कार्रवाई में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने बैठक में यह भी निर्देशित किया कि गृह निर्माण समितियों और कॉपरेटिव समितियों में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए अपर कलेक्टर श्री रिंकेश वैश्य को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। संबंधित अधिकारी सम्पूर्ण जानकारी और दस्तावेज प्रभारी अधिकारी को उपलब्ध कराएं। प्रभारी अधिकारी भी सभी संबंधितों को शामिल करते हुए एक वाट्सएप ग्रुप बनाकर सभी आवश्यक दस्तावेज को इकजाई करें ताकि प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
बैठक में गृह निर्माण समितियों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने निर्देशित किया कि सभी गृह निर्माण समितियों के सभी दस्तावेज संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व परीक्षण कर अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। परीक्षण के दौरान नगर निगम, टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग तथा नजूल की अनुमति का भी अवलोकन किया जाए। गृह निर्माण समितियों द्वारा जो भी अनियमिततायें की गई हैं उसका उल्लेख करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए।