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ग्वालियर मेले की पहचान प्रदेश में ही नहीं देश भर में है:- श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया

ग्वालियर मेले की पहचान प्रदेश में ही नहीं देश भर में है:- श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया

ग्वालियर:-  पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि ग्वालियर के मेले की पहचान प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में है। इस ऐतिहासिक मेले में पशु मेले के साथ-साथ हर प्रकार की खरीददारी के लिए सैलानी आते हैं। ग्वालियर व्यापार मेले का टर्न ओवर गत वर्ष से 450 करोड़ रूपए था। इसे अब एक हजार करोड़ रूपए किया जाना चाहिए। इसके साथ ही ग्वालियर व्यापार मेले की दुकानों का आवंटन भी अगले वर्ष से ऑनलाइन किया जाए। मेले में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले सैलानियों को रात में विश्राम के लिए धर्मशाला का निर्माण भी मेला प्राधिकरण करे। श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष वाहनों के रोड़ टैक्स पर 50 प्रतिशत की छूट दी है। इससे मेले में आकर्षण बढ़ेगा। ग्वालियर मेले में रोड़ टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट देने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को मैं धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ। श्रीमंत सिंधिया ने कहा कि 114 वर्ष पुराना ग्वालियर का यह ऐतिहासिक मेला दिन-प्रतिदिन विकसित हो और देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी पहचान स्थापित कर सके, इसके प्रयास हम सबको करना चाहिए।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेले में आने वाले व्यापारियों और सैलानियों की सुविधाओं का ध्यान भी मेला प्राधिकरण रखे। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार ने 114 साल पूर्व पशु मेले के रूप में इसकी स्थापना की थी। तब यह सोच थी कि किसानों को एक ही स्थान पर सभी सुविधायें उपलब्ध हो सकें। उनको उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। साथ ही एक ही स्थान पर सभी पशुओं का क्रय-विक्रय भी हो सके। सिंधिया परिवार ने उस समय अन्नदाताओं के लिए रेल सुविधायें उपलब्ध कराईं। इसके साथ ही किसानों के लिए सबसे जरूरी पानी की उपलब्धता के लिए तिघरा और हरसी जैसे बांधों का निर्माण भी कराया। सौ साल बाद भी तिघरा और हसी बांध आज भी किसानों को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है।

प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा श्रीमंत सिंधिया के आग्रह पर इस वर्ष भी वाहनों के रोड टैक्स पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। इससे मेले में वाहनों को क्रय करने वालों को लाभ मिलेगा और मेले की आय भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का मेला एक ऐतिहासिक मेला है। ग्वालियर – चंबल संभाग के साथ-साथ प्रदेश भर के लोग साल भर मेले के आयोजन का इंतजार करते हैं। मेला क्रय-विक्रय के साथ-साथ एक सांप्रदायिक सदभाव और आपसी मेल-जोल का स्थल है। यह मेला दिन प्रतिदिन अपनी ख्याति और बढ़ाए। प्रदेश सरकार मेले के विकास के लिए सदैव तत्पर है।

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