आखिर क्यों मेहरबान है, परिवहन विभाग?
ग्वालियर:- परिवहन विभाग ओर स्मार्ट चिप कम्पनी के अनुबंध के आधार पर ऑनलाइन टैक्स पेमेंट ओर ऑनलाइन एप्लीकेशन की सुविधा अधिसूचना क्रमांक 536 में स्पष्ट लिखा है कि उपभोक्ता प्रभार की दरें अनुबंध की समाप्ति अथवा अधिसूचना प्रभावी होने की अवधि 5 वर्ष जो भी पहले हो तक के लिए वैध रहेंगी ।कंपनी ओर विभाग के मध्य अनुबंध पर हस्ताक्षर सितंबर 2013 में हुए है अनुबंध के क्लोज़ नंबर 9.5के अनुसार हस्ताक्षर दिनांक से कंपनी की अनुबंध अवधि प्रारम्भ हो गयी थी । जिसे सितंबर 2018 में पांच वर्ष पूरे हो गए । यानि कि अनुबंध की अवधि समाप्त हो चुकी है और अधिसूचना सितंबर 2014 में प्रभावी हुई थी, उसके अनुसार भी पांच वर्ष पूरे हो गए । लेकिन कंपनी अभी तक उपभोक्ता प्रभार जनता से वसूल रही है । पांच वर्ष पूरे होने के बाद अभी तक न तो कंपनी के अनुबंध को आगामी पांच वर्ष के लिए बढ़ाया गया है और न कोई नए टेंडर जारी किए गए है ।उक्त क्लोज के अनुसार अनुबंध के 4 वर्ष पूरे होने के बाद परिवहन विभाग द्वारा गठित तकनीकी समिति जो कंपनी के कामकाज की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट शासन को देगी जिसके आधार पर उक्त कंपनी को आगामी 5 वर्ष का अनुबंध विस्तारण किया जाएगा। उक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट पांच वर्ष नो मााह बाद शासन को भेजी है ।जिस पर शासन ने अभी तक कोई निर्णय नही लिया है ।उक्त क्लोज़ में यह भी लेख है, कि अनुबंध की अवधि समाप्त होने के बाद यदि अनुबंध के विस्तारण पर कोई निर्णय नही हो पाता है तो कंपनी को अधिकतम 6 माह का अस्थाई विस्तारण प्रदान किया जाएगा। यदि ऐसा भी है तब भी अस्थाई विस्तारण की अवधि फरबरी 2019 में समाप्त हो गयी ।अब तक यह कंपनी कैसे परिवहन विभाग में कार्य कर रही है इसके जवाब में सभी मुंह में गुड़ रख कर बैठे हैैैै। बगैर किसी वैध अनुबंध के यह कंपनी जनता और शासन को हर माह चूना लगा रही है ।अनुबंध के क्लोज़ नंबर 10.24 में भी स्पष्ट लिखा है कि यह कंपनी अनुबंध की दरों पर अपने प्रभार की वसूली सिर्फ अनुबंध की अवधि में ही कर पायेगी ।