खाद्य पदार्थों में मिलावट करने एवं बिना पंजीयन के व्यवसाय करने पर 12 लाख रूपए जुर्माना लगाया।
ग्वालियर:- खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों और नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वालों के विरूद्ध प्रदेश स्तर पर चलाए जा रहे अभियान में ग्वालियर जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। ग्वालियर के 6 प्रतिष्ठानों पर 12 लाख रूपए की राशि का जुर्माना लगाया गया है।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी के निर्देश पर सम्पूर्ण जिले में नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री करने तथा खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध की जा रही कार्रवाई की कड़ी में 6 प्रतिष्ठानों के विरूद्ध खाद्य पदार्थों में मिलावट कर विक्रय करने तथा बिना लायसेंस के सामग्री के विक्रय करने के आरोप में 12 लाख रूपए की राशि का जुर्माना लगाया गया है। प्रशासन द्वारा निरंतर खाद्य पदार्थों की जाँच कर सेम्पलिंग का कार्य जारी है। लिए गए सेम्पलों को जाँच हेतु भेजा जा रहा है।
अपर कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह ने पूर्व में लिए गए नमूनों में अमानक पाए गए नमूनों के विक्रेताओं तथा बिना पंजीयन के सामग्री का विक्रय करने वाले प्रतिष्ठानों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करते हुए जुर्माने के आदेश जारी किए हैं। उनके द्वारा दीपक अग्रवाल पुत्र श्री छोटेलाल अग्रवाल निवासी मंगलेवश्वर रोड़ घासमंडी फर्म मंगल किराना स्टोर का सरसों का तेल का नमूना अमानक पाए जाने पर 3 लाख रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया है।
इसी प्रकार नंदलाल चौरसिया पुत्र स्व. श्री रमनलाल चौरसिया निवासी आनंदनगर फर्म नंदलाल फ्रूट कंपनी के यहाँ फलों को पकाने हेतु कार्बेट का उपयोग पाए जाने पर 2 लाख रूपए का अर्थदण्ड, सत्यनारायण अग्रवाल पुत्र श्री केवल कृष्ण अग्रवाल फर्म न्यू गोपाल डेयरी लोहामंडी के यहाँ मावे का नमूना अमानक पाए जाने पर 3 लाख रूपए अर्थदण्ड, ओमप्रकाश झा पुत्र श्री मूलचंद झा फर्म शक्ति आईस फैक्ट्री झाँसी लूप रोड मुरार के यहां बिना रजिस्ट्रेशन के व्यवसाय करते पाए जाने पर एक लाख रूपए का अर्थदण्ड, पुरूषोत्तम दास गोयल पुत्र स्व. श्री गणेशलाल गोयल फर्म गणेश डेयरी दही मंडी के निरीक्षण के दौरान स्किम्ड मिल्क लूज का नमूना लिया गया जो जांच के उपरांत अमानक पाया गया। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 2 लाख रूपए का अर्थदण्ड तथा श्री राकेश बघेल पुत्र बाबूराम बघेल फर्म शीतला मिष्ठान भण्डार बस स्टेण्ड मोहना के यहां मावा गुजिया का नमूना लिया गया जो जाँच के उपरांत अमानक पाया गया। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 1906 की धारा-52 के तहत एक लाख रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया है।