आसानी से बन जाएगा जाति प्रमाण-पत्र

आसानी से बन जाएगा जाति प्रमाण-पत्र

भोपाल:-  राज्य शासन ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध-घुमक्कड़ जनजाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार जिस आवेदक के पास वर्ष 1950 (अन्य पिछड़े वर्गों के लिये 1984) अथवा उससे पहले से मध्यप्रदेश का निवासी होने संबंधी लिखित रिकार्ड नहीं है, उसे लिखित रिकार्ड प्रस्तुत करने के लिये विवश न किया जाये। राजस्व अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर अथवा शिविर में जाँच कर आवेदन-पत्र में उल्लेखित जानकारी की पुष्टि करें। इसके लिये आवेदक, संबंधित सरपंच, पार्षद, ग्राम/ मोहल्ले के संभ्रांत व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करें। स्वयं की संतुष्टि के बाद स्थाई जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की अनुशंसा करें।    राज्य शासन के 11 अगस्त 2016 और 13 अगस्त 2018 के परिपत्र अनुसार जनजातियों के ऐसे व्यक्ति जिसके परिवार के किसी सदस्य पिता/भाई/बहन को पूर्व में राजस्व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया है, उन मामलों में छान-बीन नहीं करते हुए जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश हैं क्योंकि आवेदक और उसके परिवार के संबंध में एक बार छान-बीन कर जाति एवं निवास की पुष्टि की जा चुकी है।

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