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जीवन सुगमता सर्वेक्षण में ग्वालियर शहर प्रथम स्थान पर आना चाहिए – कलेक्टर

जीवन सुगमता सर्वेक्षण में ग्वालियर शहर प्रथम स्थान पर आना चाहिए – कलेक्टर

ग्वालियर:- स्मार्ट सिटी के कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से किया जाए, जिससे जीवन सुगमता सर्वेक्षण की रिपोर्ट में ग्वालियर शहर अव्वल आ जाए। इसको लेकर तैयार किए जाने वाले ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2018-19 की समीक्षा को लेकर आज कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सर्वेक्षण को लेकर कलेक्टर श्री चौधरी ने संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भसीन, नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन, अपर कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री महिप तेजस्वी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


केन्द्र सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने शहरों की सुविधाओं के आधार पर ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स जारी करने की शुरूआत की थी, जिसमें रैंकिंग में तुलनात्मक आधार पर यह पता करना था कि कौन सा शहर बेहतर है एवं किस शहर में सुविधाओं का अभाव है। इसमें 100 स्मार्ट शहरों के साथ-साथ 10 लाख के ऊपर की आबादी वाले 16 शहरों को भी शामिल किया गया है। गौरतलब है कि वर्तमान में जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट में ग्वालियर का 32वाँ स्थान आया है। सर्वे में आम आदमी का जीवन सुगम और आसान बनाने वाले उपायों की पड़ताल की गई है। शहर में सुगम जीवन के चार आधार माने गए हैं। जिसमें गवर्नेंस, सामाजिक ढांचा, आर्थिक स्थिति और फिजीकल इंफ्रास्ट्रक्चर है। इस कार्यक्रम के तहत 2018-19 वित्तीय वर्ष के आंकड़े जमा किए जाने हैं, जिसको लेकर आज कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने रैंकिंग के लिए जारी की गई प्रश्नावली की समीक्षा की और संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री चौधरी ने सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों को निर्देश देते हुए कहा कि इस सर्वेक्षण को लेकर जो प्रश्नावली जारी की गई है, उसके अनुरूप संबंधित विभाग अपने आंकड़े तत्काल दर्ज कराएं, जिसके लिए उन्होंने स्मार्ट सिटी सीईओ श्री महिप तेजस्वी को निर्देशित किया कि वे संबंधित विभागों से तालमेल बनाकर समय-सीमा में आंकड़े दर्ज करवाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत नए वित्तीय वर्ष में जरूरी सुविधाओं या जिन क्षेत्रों की रैंकिंग कम है, उनको प्राथमिकता में लेकर सुधारात्मक कार्यवाही तत्काल की जाए, ताकि ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (जीवन सुगमता सर्वेक्षण) की रिपोर्ट में ग्वालियर शहर अव्वल आए।
बैठक में कलेक्टर ने सभी को निर्देशित किया कि ग्वालियर में विद्यादान कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है, जिसमें अधिकारी बच्चों को एक स्पेसिक ज्ञान देने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। साथ ही उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रौढ़ शिक्षा के अंतर्गत पिछड़ी बस्तियों में प्राथमिक शिक्षा के लिए कक्षाएं लगाई जाएं, ताकि प्रौढ़ों को प्रारंभिक शिक्षा का ज्ञान हो सके।

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