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मध्य प्रदेश में शुरू होगा जन-अधिकार कार्यक्रम:- कमलनाथ

मध्य प्रदेश में शुरू होगा जन-अधिकार कार्यक्रम:- कमलनाथ

ग्वालियर:- प्रदेश की आम जनता की समस्याओं, शिकायतों के सुनिश्चित और संतोषजनक समाधान के लिए राज्य सरकार जन-अधिकार कार्यक्रम शुरू करेगी। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देश पर यह कार्यक्रम प्रति मंगलवार को होगा। इसमें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों से रू-ब-रू होकर मुख्यमंत्री लोगों की दिक्कतों का समाधान करेंगे। मुख्यमंत्री इस माह के द्वितीय मंगलवार 9 जुलाई को जन-अधिकार कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने पूर्व में चल रहे समाधान ऑनलाइन, सी.एम. हेल्पलाइन एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम की समीक्षा करते हुए इनके परिणाम संतोषप्रद न होने पर ऐसा संवाद आधारित कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिए थे जिससे लोगों की समस्याओं और शिकायतों का त्वरित संतोषप्रद और सुनिश्चित निराकरण हो सके।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य शासन ने सी.एम. हेल्पलाइन एवं लोकसेवा गारंटी अधिनियम के जरिए दी जाने वाली सेवाओं की समीक्षा के‍ लिए यह कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। नये कार्यक्रम की मूल अवधारणा प्रदेश की जनता की प्रमाणिक सद्भावनापूर्ण शिकायतों और समस्याओं का निराकरण होना उनका अधिकार है। इस अधिकार के संरक्षण एवं समर्थन के लिये वर्तमान राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
प्रतिमाह द्वितीय मंगलवार होगा जन-अधिकार कार्यक्रम
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ हर माह के द्वितीय मंगलवार को जन-अधिकार कार्यक्रम में उपस्थित रहकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लोगों की समस्या और शिकायतों के निराकरण की दिशा में की गई कार्यवाही की समीक्षा करेंगे। माह के द्वितीय मंगलवार को अवकाश रहने पर अगले कार्य-दिवस पर यह कार्यक्रम होगा।
जिले के वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित मंत्रालयीन अधिकारी उपस्थित रहेंगे
जन अधिकार कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला स्तर के विभागीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। संभागीय मुख्यालयों पर आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और संभाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। राज्य स्तर पर जिन विभागों के प्रकरणों को समीक्षा में शामिल किया गया है उनके अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित रहेंगे।
जन-अधिकार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को समय-समय पर प्राप्त होने वाली शिकायतें, जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, सी.एम. हेल्पलाइन एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त प्रमाणित शिकायतों में चिन्हित शिकायतों को समीक्षा में लिया जाएगा। इसकी जानकारी संबंधित विभागों के प्रमुख और प्रभारी अधिकारियों को कार्यक्रम दिनांक को दी जाएगी। संबंधित विभागों के अधिकारियों का यह दायित्व होगा कि वे उसी दिन शाम चार बजे के पूर्व उन्हें प्राप्त शिकायतों की विस्तारित जानकारी एवं किए गए निराकरण का तथ्यात्मक प्रतिवेदन http://cmhelpline.mp.gov.in  पोर्टल पर ऑनलाइन फीड करें।
मुख्यमंत्री कार्यालय सूचित करेगा शिकायतकर्ता को
कार्यक्रम में चिन्हित कर शामिल की गई प्रामाणिक शिकायतों के शिकायतकर्ता को शामिल होने के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सूचित किया जाएगा। यह शिकायतकर्ता संबंधित जिले के कलेक्टर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में उपस्थित रहेंगे और मुख्यमंत्री से सीधे संवाद करेंगे। चिन्हित शिकायत के प्रकरणों में आवश्यक अंतिम निराकरण तक अनुश्रवण की कार्यवाही मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा की जाएगी।
योजनाओं के क्रियान्वयन और सम-सामयिक विषयों पर भी मुख्यमंत्री करेंगे चर्चा
राज्य शासन द्वारा सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि मुख्यमंत्री जन-अधिकार कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और सम-सामयिक महत्व के विषयों पर भी चर्चा करेंगे। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी आवश्यक जानकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में उपस्थित रहेंगे।

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