किसानों को उनकी उपज का सही दाम उपलब्ध कराने के लिए शासन कटिबद्ध है:-प्रभांशु कमल
ग्वालियर:- किसानों की आय को बढ़ाने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम उपलब्ध कराने के लिए शासन कटिबद्ध है। किसानों को उनकी उपज में बढ़ोत्तरी करने के लिए समय पर खाद-बीज और दवाएं उपलब्ध कराई जायेंगीं। खेती के रकबे को बढ़ाने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उत्पादन हमारा लक्ष्य है। यह बात प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने कही है। रबी कार्यक्रम की समीक्षा और खरीफ फसलों की तैयारी के लिए बुधवार को मोतीमहल के मानसभागार में ग्वालियर-चंबल संभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने कहा कि खरीफ कार्यक्रम के तहत किसानों को समय पर मांग अनुसार खाद-बीज और दवाएं उपलब्ध हो, इसके लिए लक्ष्य अनुसार शतप्रतिशत भण्डारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी जिले में अमानक खाद-बीज और दवा का विक्रय न हो, यह कलेक्टर सुनिश्चित करें। अमानक खाद-बीज और दवाओं का विक्रय करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। प्रत्येक जिले में निरंतर नमूने लिए जाएं और दोषी पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध पुलिस प्रकरण कायम कराया जाए। इसके साथ ही विक्रेता का लायसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाए।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने कहा कि प्रत्येक जिले में माइक्रो प्लानिंग के माध्यम से कृषि उत्पादन का कार्यक्रम हाथ में लिया जाना चाहिए। सभी जिले के कलेक्टर कृषि के कार्यों में और अधिक ध्यान देकर जिले की कृषि उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता की बढ़ोत्तरी में अपना योगदान दें। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल संभाग के प्रत्येक जिले में किसानों के सॉईल हैल्थ कार्ड का शतप्रतिशत वितरण सुनिश्चित किया जाए। श्री प्रभांशु कमल ने कहा कि किसानों को सॉईल हैल्थ कार्ड वितरण के साथ-साथ कृषि विभाग एवं वैज्ञानिकों के माध्यम से उन्नत खेती के संबंध में जानकारी भी उपलब्ध कराई जाना चाहिए।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने कहा कि खेती-किसानी को बढ़ावा देने और किसानों को आधुनिक खेती की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति का मार्गदर्शन लेने के साथ ही कृषि वैज्ञानिकों का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे नए-नए अनुसंधानों से किसानों को अवगत कराने के लिए प्रत्येक जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने बैठक में यह भी कहा कि किसान सभी तरह की फसलें लें, इसके लिए भी किसानों को समझाईश दी जाना चाहिए। प्रत्येक जिले में कृषि उत्पादन के लिए तैयार किए गए कार्यक्रम का कलेक्टर समीक्षा करें और आवश्यक हो तो उसमें सुधार कर जिले की कृषि उपज को बढ़ाने में अपना योगदान दें।
ग्वालियर संभाग में 1202 हजार तथा चंबल संभाग में 436 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में ली जायेंगीं खरीफ की फसलें
ग्वालियर संभाग में खरीफ कार्यक्रम 2019 के तहत 1202 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसलें ली जायेंगीं। इसी प्रकार चंबल संभाग में 436 हजार हैक्टेयर क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में फसलों की बोनी की जायेगी। सभी जिलों के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में 101.41 हजार हैक्टेयर, शिवपुरी में 346 हजार हैक्टेयर, गुना में 327 हजार हैक्टेयर, अशोकनगर में 293 हजार हैक्टेयर, दतिया जिले में 134 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसलें ली जायेंगीं। इसी प्रकार चंबल संभाग के मुरैना जिले में 193.30 हजार हैक्टेयर, भिण्ड में 117.70 हजार हैक्टेयर क्षेत्र तथा श्योपुर जिले में 121.40 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसलें ली जायेंगीं।