गंदे और पीले पानी की शिकायत के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें:- संभागीय आयुक्त
ग्वालियर:- शहर में पीले पानी और गंदे पानी की शिकायतों का निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए। किसी भी स्थिति में पीला और गंदा पानी आम जनों को नहीं मिलना चाहिए। जिला प्रशासन और नगर निगम संयुक्त रूप से इसके लिए हर संभव कार्य करें। शहर में जल वितरण से पूर्व शहर की समस्त टंकियों के पानी का प्रतिदिन सेम्पल लिया जाए। उक्त निर्देश संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने शनिवार को मोतीमहल के मानसभागार में जिला प्रशासन एवं नगर निगम के अधिकारियों की बैठक में दिए।
शहर में पीले एवं गंदे पानी की शिकायत एवं आवारा कुत्तों की धरपकड़ के लिए की जा रही कार्रवाई की समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी, नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन, एडीएम श्री संदीप केरकेट्टा, अपर आयुक्त नगर निगम श्री नरोत्तम भार्गव, एसडीएम श्री प्रदीप तोमर, अधीक्षण यंत्री पीएचई श्री आर एल एस मौर्य, कार्यपालन यंत्री श्री करहिया सहित पीएचई विभाग के इंजीनियर उपस्थित थे।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने कहा कि शहर में पीले पानी के वितरण की शिकायत का निराकरण हर हाल में किया जाए। इसके लिए हर संभव उपाय किए जाएं। नगर निगम पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने कहा कि शहर की सभी पानी की टंकियों का जल वितरण से पूर्व प्रतिदिन पीएचई विभाग के अधिकारी सेम्पलिंग करें और उसकी जांच कराएं। पानी की टंकी में कहीं भी पानी की गुणवत्ता में कमी पाई जाए तो उसे तत्काल ठीक करने की कार्रवाई की जाए।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने बैठक में यह भी निर्देश दिए हैं कि पानी की गुणवत्ता के सुधार हेतु मोतीझील के झील में पानी फिल्टर होने से पूर्व क्लोरीन डालने का कार्य भी किया जाए। इसके साथ ही अधिक से अधिक फब्बारे भी झील में लगाएं, ताकि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ सके। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि पानी की गुणवत्ता के संबंध में नीरी संस्था द्वारा जो सुझाव दिए गए हैं उन पर भी तत्परता से अमल प्रारंभ किया जाए।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन को निर्देशित किया है कि शहर में जहाँ भी पीले पानी की शिकायत है वहाँ पर पानी वितरण के बाद फिटकरी मिलाने पर जो तत्व तली में एकत्र होते हैं उसकी भी कैमीकल जाँच कराई जाए। उन्होंने पीले पानी को ठीक करने के उपाय के साथ ही शहर में गंदे पानी की शिकायत को तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर के किसी भी क्षेत्र में गंदे पानी के वितरण की शिकायत नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए क्षेत्र के इंजीनियर को जिम्मेदार माना जायेगा।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि जिन क्षेत्रों में भी गंदे पानी की शिकायत मिल रही है, उन क्षेत्रों में तत्काल पाइप लाईन बदलने तथा उस क्षेत्र के सभी नल कनेक्शनों को काटकर नए कनेक्शन करने का अभियान चलाया जाए। जिनके कनेक्शन अवैध हैं उनको वैध करने की कार्रवाई भी मौके पर की जाए। अमृत परियोजना के तहत पानी की लाईन डालने का कार्य उन क्षेत्रों में सर्वप्रथम किया जाए, जिन क्षेत्रों में गंदे पानी की शिकायत मिल रही है।
बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि जल वितरण के समय नगर निगम के सभी इंजीनियर अपने-अपने क्षेत्र में अनिवार्यत: उपस्थित रहें। कहीं पर भी गंदे पानी की शिकायत आती है तो उसको तत्काल ठीक करने की कार्रवाई की जाए।
बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन ने कहा कि नगर निगम द्वारा गंदे पानी और पीले पानी की समस्या के निदान हेतु युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। पीले पानी की समस्या के निदान हेतु निगम के फिल्टर प्लांटों पर सुधार करने के साथ ही पानी की टंकियों और लाईनों में भी सुधार का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए निगम द्वारा विशेषज्ञों को भी बुलाकर उनकी राय ली गई है और विशेषज्ञों द्वारा बताए गए उपायों पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।
श्री माकिन ने यह भी बताया कि गंदे पानी की समस्या के निदान हेतु क्षेत्रों को चिन्हित कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। जहाँ भी आवश्यकता है वहाँ पर पाइप लाईन बदलने का कार्य किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने बैठक में कहा कि पीले पानी और गंदे पानी की शिकायत हेतु तिघरा एवं मोतीझील प्लांट का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश निगम को दिए गए हैं। निर्देशों के उपरांत निगम द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए विशेषज्ञों की राय भी ली गई है। निगम के फिल्टर प्लांटों को और व्यवस्थित करने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निगम के मैदानी अमले को सचेत रहकर इस समस्या के निदान हेतु तत्परता से कार्य करना होगा।
नगर निगम के अधीक्षण यंत्री श्री आर एल एस मौर्य ने पीले और गंदे पानी की समस्या के निदान हेतु किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शहर की सभी पानी की टंकियों की सेम्पलिंग का कार्य भी कल से ही प्रारंभ कर दिया जायेगा।
आवारा एवं हिंसक कुत्तों को पकड़ा जाए
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने बैठक में कहा कि शहर में आवारा एवं हिंसक कुत्तों के द्वारा लोगों को काटने की कई शिकायतें प्रकाश में आई हैं। नगर निगम का अमला इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई करे। उनहोंने कहा कि गर्मी के मौसम में जो कुत्ते हिंसक हो गए हैं और क्षेत्रवासियों द्वारा शिकायत की जा रही है उनको पकड़ने की कार्रवाई की जाए।
बैठक में एनीमल वर्क्स कंट्रोल संस्था (सीबीसी) के प्रतिनिधि ने बताया कि शहर में संस्था द्वारा आवारा कुत्तों की नसबंदी का कार्य किया जा रहा है। गर्मी के मौसम में कुत्ते हिंसक होते हैं, जिनको पकड़ने की कार्रवाई भी की जा रही है। संस्था के पास शहर में एक ही स्थान है प्रशासन द्वारा एक और स्थान उपलब्ध कराया जाए तो संस्था और बेहतर तरीके से कार्य कर सकती है।