बरसात के दिनों में जल भराव की समस्या न हो:- संभाग आयुक्त
ग्वालियर:- बरसात के दिनों में जल भराव की समस्या न हो। इसके लिए पहले से तैयारी करें। मानसून के बाद छोटे-बड़े सभी बांधों में जल स्तर बढ़ जाता है। बांध प्रभावित क्षेत्र में सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। बांधों से प्रभावित गाँव के लोगों के मोबाइल नम्बर एकत्रित करें। बल्क एसएमएस के माध्यम से आमजन को सूचना दी जाए, ताकि आमजन को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुँचे। बांधों से पानी छोड़ते समय भी जानकारी दी जाए। यह निर्देश संभाग आयुक्त श्री महेशचंद चौधरी ने सोमवार को आयोजित बैठक में दिए हैं। बैठक में ग्वालियर संभाग के डीआईजी श्री अशोक गोयल एवं सभी जिलों के कलेक्टर भी मौजूद थे।
संभाग आयुक्त श्री महेशचंद चौधरी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि डैम और उनसे प्रभावित स्थानों की सूची संभाग के पाँचों जिलों के कलेक्टरों को भी उपलब्ध कराएं। उन्होंने सभी कलेक्टर्स को भी जिला स्तर पर योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी कलेक्टर बैठकें आयोजित कर लें। अतिवृष्टि एवं बाढ़ तथा जल भराव की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व से तैयारी कर ली जाए, ताकि बरसात के समय में दिक्कत न हो।
संभाग आयुक्त श्री चौधरी ने निर्देश दिए हैं कि नालों की सफाई करवाई जाए। जहां कहीं अतिक्रमण है उसे हटाया जाए। नालों में कचरा एकत्रित होने एवं लोगों द्वारा अतिक्रमण करने के कारण उनका एरिया कम हो गया है। जिसके कारण बरसात के समय में जल निकासी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए नालों की सफाई जल्द कराई जाए।
बैठक में ग्वालियर कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी, दतिया कलेक्टर श्री आर पी एस जादौन, गुना कलेक्टर श्री भास्कर लक्षाकार, शिवपुरी कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी, अशोकनगर कलेक्टर श्रीमती मंजू शर्मा सहित पुलिस एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
संभाग आयुक्त ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वृक्षारोपण के लिए सभी बेहतर योजना बनाकर काम करें। एमपीआरडीसी, पीडब्यल्यूडी, एनएचएआई, पीआईयू सहित निर्माण कार्य वाले विभागों को वृक्ष लगाने का लक्ष्य दें। साथ ही विभिन्न संस्थाओं, ट्रस्टों एवं संगठनों को भी इस कार्य में शामिल करें। वृक्षारोपण में आम जन की भागीदारी के प्रयास किए जाएं। स्वच्छ भारत अभियान को भी प्राथमिकता से लेते हुए काम करें। उन्होंने यह भी कहा है कि सीएम हैल्पलाइन की भी गहन समीक्षा करें और शिकायतों का एल-1 स्तर पर ही संतुष्टिपूर्वक निराकरण किया जाए।