चुनावी व्यय भी निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत होगा।
ग्वालियर:- लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान अभ्यर्थी द्वारा किया जाने वाला चुनावी व्यय भी निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत होगा। इसलिए राजनैतिक दल व प्रत्याशी भी नियमों की जानकारी रखें व आयोग के निर्देशों का पालन करें। स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने में सभी की अहम भूमिका है। यह बात कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग चौधरी ने व्यय लेखा संबंधी बैठक में उपस्थित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से कही।
बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में व्यय लेखा संबंधी दरों के निर्धारण के लिए बैठक आयोजित हुई। इससे पूर्व 13 मार्च को भी व्यय लेखा संबंधी बैठक हुई थी, जिसमें एक सप्ताह में सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को दरों पर दावे-आपत्ति प्रस्तुत करने को कहा गया था। ताकि समय पर तर्क संगत दरों का निर्धारण किया जा सके। बुधवार को हुई बैठक में दरों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भसीन, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनूप सिंह, एडीएम श्री संदीप केरकेट्टा, व्यय लेखा प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी एवं संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा श्री योगेन्द्र कुमार सक्सेना सहित व्यय लेखा से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। राजनैतिक दलों में भारतीय जनता पार्टी से श्री अरूण कुलश्रेष्ठ, श्री वीरेन्द्र जैन, श्री अशोक जैन, कांग्रेस से श्री आनंद शर्मा, श्री महेन्द्र मिश्रा, श्री देशराज भार्गव, बहुजन समाज पार्टी से श्री दिनेश मौर्य, श्री सन्नी जाटव, कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) से श्री श्याम यादव उपस्थित थे।
बैठक में चुनावी व्यय की पंजियां संधारित करने, कानूनी प्रावधानों, चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा वैधानिक व अवैधानिक खर्चे के प्रकार और इन खर्चों को नियंत्रित करने के मुख्य वैधानिक प्रावधानों और इससे जुड़ीं विभिन्न धाराओं, नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इससे प्रत्याशियों द्वारा रैली व सभा इत्यादि आयोजनों पर होने वाले व्यय का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग चौधरी ने उपस्थित प्रतिनिधियों को यह भी बताया कि निर्वाचन संबंधी नियमों की बुकलेट्स सभी को भेज दी गई है। इसके अलावा आयोग की वेबसाइट पर भी यह प्रति उपलब्ध है। इसलिए आवश्यक होने पर नियमों व निर्देशों के संबंध में आयोग की वेबसाइट से भी जानकारी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक प्रत्याशी के लिए व्यय सीमा 70 लाख रूपए निर्धारित की गई है। अभ्यर्थी को अपना अलग बैंक अकाउण्ट भी रखना होगा। जिसके माध्यम से सभी व्यय होंगे। प्रचार-प्रसार सामग्री पर व्यय जैसे आमसभा, पोस्टर, बैनर, विज्ञापन, परिवहन, रैली, सभा आदि पर होने वाले व्यय का लेखाजोखा किया जायेगा। इसके लिए व्यय रजिस्टर रखें और नियमित रूप से अवलोकन कराएं।