स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए बरतें सावधानी, चिकित्सक तत्काल मरीजों का करें इलाज – कलेक्टर
ग्वालियर:- कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिले में स्वाईन फ्लू की रोकथाम के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। इसके साथ ही जो भी प्रकरण सामने आते हैं, उसमें मरीज का तत्काल इलाज किया जाए। इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। इसके साथ ही लोगों में स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।
कलेक्टर श्री चौधरी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयां व सामग्री उपलब्ध रहें। जिन 8 मेडीकल स्टोर्स को स्वाईन फ्लू की औषधि बेचने के लिए अधिकृत किया गया है। वह पूरा रिकॉर्ड रखें किस मरीज द्वारा किस दिन दवाइयां खरीदी गई हैं उसका पता आदि की जानकारी रिकॉर्ड में रखें।
ये लक्षण होने पर चिकित्सक से लें परामर्श
किसी व्यक्ति को सर्दी-खांसी, तेज बुखार, गले में खराश एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। मरीज मेडीकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, बिरला हॉस्पिटल एवं शोध संस्थान, माहेश्वरी नर्सिंग होम, सिम्स हॉस्पिटल, केएम एण्ड केडीजे हॉस्पिटल में स्क्रीनिंग करा सकते हैं।
कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि स्वाईन फ्लू के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर निकट के शासकीय अस्पताल अथवा स्वाईन फ्लू के उपचार के लिए चिन्हांकित चिकित्सालयों में परामर्श लें और चिकित्सक द्वारा दिए गए परामर्श का पालन करें। स्वाइन फ्लू से घबराने की आवश्यकता नहीं है। तत्काल इलाज एवं सावधानी से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मृदुल सक्सेना ने शहरवासियों से अपील की है कि स्वाईन फ्लू से घबराएं नहीं, परंतु सावधानी अवश्य बरतें। उन्होंने कहा कि उक्त बीमारी के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क किया जाए। जिले में बीमारी की रोकथाम हेतु पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही चिकित्सकगण भी तत्परता से कार्य कर रहे हैं।
बचाव के लिए यह सावधानियां बरतें
स्वाईन फ्लू से बचने का सबसे उपयुक्त उपाय यह है कि संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क न बनाया जाए। साथ ही जिन स्थानों पर स्वाईन फ्लू के मरीज पाए गए हैं वहाँ से यदि कोई व्यक्ति अन्य स्थान पर आता है तो उसका विशेष परीक्षण कर निगरानी में रखा जाए। उस मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हुए सभी मानक सावधानियां रखनी चाहिए। जैसे कि मरीज को स्वयं तीन परतों वाला सर्जीकल मास्क पहनना चाहिए। एक बार मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उस एम्बूलेंस को अच्छी तरह से डिस्इन्फेक्टेड करना चाहिए। हाथों को बार-बार अच्छी तरह से साबुन से साफ करें, कभी-भी छीक आने पर अपने मुँह और नाक को रूमाल अथवा टिशू पेपर से ढकें। साथ ही उपयोग किए गए टिशू पेपर अथवा रूमाल को नष्ट कर दें। मुर्गी फार्म अथवा संबंधित सामग्री से दूरियां बनाए रखें। जिस व्यक्ति को जुकाम अथवा सर्दी हो, उससे कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें।