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मिट्टी की सेहत पर निर्भर है हमारी सेहत

मिट्टी की सेहत पर निर्भर है हमारी सेहत

ग्वालियर:-  हमने हरित क्रांति से लेकर अब तक फसलों के रिकार्ड उत्पादन का लक्ष्य हांसिल किया है मगर इसी बीच हम मिट्टी की सेहत और मृदा संतुलन का पर्याप्त ध्यान नहीं रख पाए हैं। आज मिट्टी से उत्पादन विभिन्न क्षेत्रों में लगभग स्थिर हो गया है इस स्थिति में सुधार के लिए समन्वित कृषि प्रणालियां, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती आदि पर दीर्धकालीन काम करना होगा। मिट्टी की सेहत और पोषक तत्वों का संतुलन रखकर ही हम भविष्य में गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न का लक्ष्य पा सकते हैं।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर में दो दिवसीय नेशनल सेमीनार का शुभारंभ करते हुए यह बात मुख्य अतिथि रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति प्रो. अरविन्द कुमार ने कही। कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के सभागार में यह दो दिवसीय सेमीनार मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन की रणनीतियां, उपलब्धियां एवं अनुसंधान के विषय पर आयोजित किया जा रहा है।
शुभारंभ अवसर पर सेमीनार संयोजक एवं मृदा विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. वर्मा ने कहा कि मिट्टी जीवित माध्यम है एवं जीवन के संरक्षण के लिए मिट्टी का संरक्षण और स्वास्थ्य जरुरी है। विशिष्ट अतिथि भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल के निदेशक डॉ. ए. के. पात्रा ने कहा कि अगर मृदा का संगठन असंतुलित होता है तो पैदावार की मात्रा से लेकर उत्पादन की गुणवत्ता भी खराब होती है जिसका आखिरकार मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हमारा स्वास्थ्य मिट्टी के स्वास्थ्य के बिना सुरक्षित नहीं है।


अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. एस. के. राव ने कहा कि मिट्टी के स्वास्थ्य प्रबंधन पर इस सेमीनार से मृदा विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिकगण जो निष्कर्ष एवं सुझाव रखेंगे वे महत्वपूर्ण होंगे। इन्हें शासन के समक्ष रखा जाएगा जिससे कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों के माध्यम से लाखों किसानों तक मिट्टी की सेहत सुधार के बहुउद्देश्यीय कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा सके। कुलपति प्रो. राव ने मिट्टी के स्वास्थ्य प्रबंधन को सतत कृषि विकास एवं दीर्घकालीन आवश्यकता बताया। सेमीनार में पूर्व कुलपतिद्वय प्रो. व्ही. एस. तोमर, के अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल, झांसी, समस्तीपुर सहित विभिन्न स्थानों से आए वैज्ञानिकों ने अपने व्याख्यान दिए। संचालन डॉ. रश्मि वाजपेयी ने किया एवं आभार डॉ. यू. पी. एस. भदौरिया ने जताया। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. ए. एस. तिवारी, अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. मृदुला बिल्लौरे, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. आर. एन. एस. बनाफर सहित वैज्ञानिकगण, शिक्षक व छात्र छात्राएं मौजूद थे।

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