जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल:- आनंदीबेन पटेल
ग्वालियर:- प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने विभिन्न संकायों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वर्ण पदक विजेता छात्र-छात्राओं एवं उनके प्राध्यापकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज यहाँ जितने भी विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई है। वे इस देश के शिक्षित नागरिक हैं। शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग देश और समाज के हित के लिए करें। वर्तमान में भू-मण्लीयकरण का दौर है। बदलते समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तन की आवश्यकता है। वर्तमान में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हमें व्यवहारिक शिक्षा की ओर कदम बढ़ाना होंगे। शोध व अनुसंधान को व्यापकता प्रदान करनी होगी।
गुरूवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सभागार में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं से कहा कि यह एक पड़ाव है। जीवन में बहुत आगे जाना है। हमेशा सीखते रहने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि सोच-समझकर विषयों का चुनाव करें और इस प्रकार की योजना से अध्ययन करें, जिसका विकास में योगदान हो। उन्होंने कहा छात्र अध्ययन करके सरकार को बताएं कि किस प्रकार की योजनाएं बनानी चाहिए। विद्यार्थी सरकार को अपनी रिपोर्ट एवं फीडबैक दें।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय शिक्षा एवं कला के क्षेत्र में अपना विशेष स्थान रखता है। विश्वविद्यालय द्वारा ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों एवं शिक्षण के साथ-साथ सामाजिक कार्यों की उन्होंने सराहना की। विश्वविद्यालय के छात्र प्रदेश के साथ ही पूरे देश में अच्छा कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की ओर सबका ध्यान खींचते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोंण यह है कि यह 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करने वाला पेड़ है। हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोंण अपनाते हुए आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा प्रत्येक विश्वविद्यालय 50 – 50 वृक्ष लगाएं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाली पद्मश्री से सम्मानित उत्तराखण्ड की महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि एक अशिक्षित महिला ने दृढ़ निश्चय से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना योगदान दिया है। देश के शिक्षित युवा जागरूक होकर आगे बढ़ें। न केवल किताबें पढ़कर और डिग्री हासिल करके शिक्षित कहलाना है बल्कि देश व समाज के लिए इस शिक्षा का उपयोग भी करना है।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा अशिक्षित होकर भी छोटी-छोटी बचतों से स्व-सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रही है। शिक्षित युवा होने के नाते यह लक्ष्य होना चाहिए कि हमें केवल सरकारी नौकरी ही नहीं प्राप्त करना है, बल्कि स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाना है। युवाओं का यह लक्ष्य हो कि हम स्वरोजगार स्थापित कर दूसरों को रोजगार देने वाले बनें। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने समारोह में अमर ज्योति संस्थान के दिव्यांग बच्चों को फल भेंट किए।