श्रीकृष्ण ने किया अहंकार रूपी कालिया का मर्दन
ग्वालियर। भगवान श्रीकृष्ण की लीला का हर कर्म अपने आप में कोई न कोई संदेश लिए होता है। यदि आपने संदेश को जान लिया, तो समझो श्रीकृष्ण लीला के मर्म को जान लिया। ऐसी ही रोचक एवं प्रेरक लीला देखने को मिली कालिया मर्दन की। जहां भगवान श्रीकृष्ण कालिया नाग के फन पर सवार होकर मोहक नृत्य कर अंहकार रूपी कालिया का मर्दन करते हैं।
अहंकार रूपी कालिया के मर्दन की यह प्रेरणात्मक एवं समाज को संदेश देने वाली लीला देखने को मिली मेला स्थित फेसिलिटेशन सेंटर में। जहां श्रीहरि कृष्ण रासलीला मंडल मथुरा के संस्थापक रासाचार्य स्वामी रसिया लाल शर्मा के निर्देशन में आयोजित की जा रही पांच दिवसीय श्रीकृष्ण लीला के चतुर्थ दिवस गुरुवार को “ कालिया मर्दन की लीला “ का वर्णन किया गया।
लीला में दिखाया जाता है कि आज समाज में अहंकार रूपी कालिया नाग हर घर में पनप रहा है। इसे मिटाने के लिए भगवान को विविध रूपों में लीला करनी पड़ती है। क्योंकि इंसान हो या कालिया उसका अहंकार निरंतर फुफकार मार रहा है। “ हमारे पास कोई नहीं आ सकता है। मैं ही श्रेष्ठ हूं। मैं ही बड़ा हूं। “ अन्य लोग मूर्ख हैं। इस प्रकार यदि अहंकार है तो समझो उसके आस-पास कौन रहेगा?
भगवान श्रीकृष्ण भी इस अहंकार के फन पर खड़े हैं। जीवन यमुना से वे इस कालिया नाग को भगा देते हैं। इसके जरिए वे समाज को संदेश देते हैं कि कालिया के मर्दन से यमुना को प्रदूषण मुक्त कर पर्यावरण संरक्षण को जीवन का अंग बनाने का संकल्प। तो वहीं कालिया को अहंकार मुक्त कर उसके जीवन को सार्थक करना।