आंगनबाडी केन्द्रों से समाज को भी जोड़ने की पहल की जाना चाहिए।
ग्वालियर:- कुपोषण निवारण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। कुपोषण निवारण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने शनिवार को शहर की विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों, शिशु कल्याण केन्द्रों, बाल संप्रेक्षण गृह, मातृछाया शिक्षा केन्द्र तथा पोषण निवारण केन्द्र का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं अन्य संस्थाओं का निरीक्षण करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों के कुपोषण निवारण के लिये प्रभावी कार्रवाई की जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को मिलने वाला नाश्ता एवं भोजन गुणवत्तापूर्ण और पोषण युक्त होना चाहिए। बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र में अच्छा माहौल और देखभाल मिले, इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र इन्द्रानगर एवं वार्ड क्र.-17 के शिक्षा नगर में संचालित आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बच्चों को दिए जा रहे नाश्ते को भी खुद खाकर देखा। श्रीमती इमरती देवी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों को दिया जाने वाला नाश्ता को और अधिक पौष्टिक एवं रूचिकर बनाया जाए। इस मौके पर उन्होंने बच्चों से भी चर्चा की। निरीक्षण के दौरान अटल बाल पालक श्री राममोहन त्रिपाठी ने भी चर्चा के दौरान बताया कि उनके द्वारा चार आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर लगभग पाँच लाख रूपए के कार्य कराए गए हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि आंगनबाडी केन्द्रों से समाज को भी जोड़ने की पहल की जाना चाहिए। कुपोषण से बच्चों को निकालने की दिशा में सरकार के प्रयास के साथ-साथ समाज की भी भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने ठाठीपुर में स्थित एनआरसी (पोषण पुनर्वास केन्द्र) का भी निरीक्षण किया। केन्द्र में सात बच्चों के पोषण सुधार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। केन्द्र की चिकित्सक द्वारा बच्चों को दिए जा रहे आहार के संबंध में जानकारी दी गई।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने श्री बालाजी शिशु कल्याण केंद्र, बाल संप्रेक्षण गृह, मातृछाया शिशु कल्याण केंद्र, वन स्टॉप सेंटर एवं अल्पकालीन महिला सुधार गृह का भी निरीक्षण किया। एक एनजीओ द्वारा संचालित श्री बालाजी शिशु कल्याण केंद्र में इस समय चार और महलगांव स्थित मातृ छाया शिशु कल्याण केंद्र में भी चार बच्चों की देखरेख की जा रही है। उन्होंने बच्चों को दुलार करते हुए टॉफी भी दी और संचालिका को निर्देश दिए कि बच्चों को अच्छा व पोषण युक्त भोजन मिले। इसी प्रकार बाल संप्रेक्षण गृह पहुंचकर वहां पर मौजूद बच्चों से उनका हालचाल जाना।
इसके बाद मंत्री श्रीमती इमरती देवी वन स्टॉप सेंटर एवं अल्पकालीन महिला सुधार गृह भी पहुंची और वहां उपस्थित महिलाओं का हाल चाल जाना। वन स्टॉप सेंटर में इस समय 11 महिलाएं व लड़कियां और तीन बच्चे हैं जबकि सुधार गृह में 23 महिलाएं हैं। जिसमें ग्वालियर के अलावा अन्य जिलों की भी लड़कियां हैं। उन्होंने सभी से पूछा कि यहां किसी प्रकार की समस्या है तो जरूर बताएं। उन्होंने अधीक्षिका एवं सहायिकाओं को भी निर्देश दिए कि यहां रहने वाली लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए। खाने-पीने व उनके रहने की उचित व्यवस्था रहे। मूलभूत सुविधाओं का अभाव नहीं होना चाहिए। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि यहां रहने वाली लड़कियों को सुरक्षित वातावरण मिले।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि समय समय पर इसी प्रकार का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी जायेंगी और जहाँ भी कमियाँ हैं उनको ठीक किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री सीमा शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी श्री राजीव सिंह एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।