” संगीत से स्वास्थ एक सुरमयी अहसास ” 5 मार्च से!

” संगीत से स्वास्थ एक सुरमयी अहसास ” 5 मार्च से!

ग्वालियर :- ग्वालियर शहर को यूनेस्को द्वारा संगीत नगरी के रुप मे नामित किया गया है। ग्वालियर ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं कलात्मक धरोहरो एवं संगीत नगरी के रुप में भी अपनी अलग पहचान रखता है। इसी पहचान को बल प्रदान करने के उद्देश्य व स्वास्थ्य औऱ जनसरोकार को जोडते हुये जिला प्रशासन व ग्वालियर स्मार्ट सिटी कार्रपोरेशन के तत्वाधान मे “संगीत से स्वास्थ्य एक सुरमयी अहसास” कार्यक्रम श्रृंखला की शुरुआत हो रही है।

जिसके तहत सामाजिक संस्थाओ के माध्यम से मार्च माह मे सप्ताह के प्रति मंगलवार सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।  कार्यक्रम के तहत संगीत व अन्य विधाओं के कलाकारो द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां होगी। पाँच मार्च से शुरु इस संगीतमयी संध्या शहर के विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों के नाम रहेगी। उस विधा के दर्शकों की सभा में विशेष उपस्थिति रहेगी। यह सभी कार्यक्रम महाराज बाडा स्थित टाउन हाँल मे आयोजित किये जायेंगे, जिनका समय सायं 6 बजे से 8 बजे रहेगा।
कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि ग्वालियर अपनी ऐतिहासिक विरासत और संगीत नगरी के रुप मे अपनी पहचान रखता है। वहीं यूनेस्को ने भी ग्वालियर को संगीत नगरी के रुप मे अपनी मान्यता दी है। महानगर की भागदौड़ भरी जिन्दगी मे स्वास्थ्य को लेकर आम लोगो मे जागरुकता बढे और शहरवासी अपनी संस्कृति, संगीत और पुरातन विरासत के साथ स्वास्थ्य के प्रति भी जागरुक हो सकें, इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु इस संगीत श्रृंखला कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस सुरमयी श्रृखला के तहत मार्च माह में तीन कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जिसकी शुरुआत 5 मार्च से होगी। जिसमे विख्यात संगीतज्ञ व कलाकारों की प्रस्तुतियां कार्यक्रम मे रहेगी।
कार्यक्रम के तहत मार्च के प्रथम मंगलवार को सुविख्यात संगीत साधक पं उमेश कम्पू वाले का शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन रहेगा। दूसरे सप्ताह के मंगलवार को सुविख्यात कत्थक नृत्यांगना डाँ अंजना झा एवं समूह का एकल व समूह नृत्य होगा। तीसरे सप्ताह में विश्वविख्यात सितार वादक व वायोलिन वादक प्रो. पं. साहित्य कुमार नाहर व पं. संतोष कुमार नाहर (दिल्ली) की सितार व वायोलिन जुगलबंदी की प्रस्तुति होगी।

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