कलेक्टर ने जारी किए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश।
ग्वालियर:- जिले में गेहूं की फसल कटने के बाद खेतों में शेष बचे नरवाई को जलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने नरवाई जलाने से फैलने वाले प्रदूषण एवं अग्नि दुर्घटना से जानमाल की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाने के उद्देश्य से धारा 144 के तहत इस आशय का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। उन्होंने ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों एवं राज्य शासन के पर्यावरण विभाग द्वारा पूर्व में जारी की गई अधिसूचना के पालन में यह प्रतिबंध लगाया है।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा जिले के अंतर्गत गेहूं की फसल कटाई के बाद अवशेषों को जलाया जाता है तो ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार संबंधित को पर्यावरण मुआवजा अदा करना होगा। साथ ही भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के तहत दण्डनीय कार्यवाही की जाएगी। दो एकड़ या उससे कम जमीन धारक को 2 हजार 500 रूपये प्रति घटना, दो एकड़ से अधिक और 5 एकड़ से कम भूमि धारक को 5 हजार रूपये प्रति घटना एवं 5 एकड़ से अधिक भूमि धारक को 15 हजार रूपये प्रति घटना जुर्माना भरना होगा। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में उल्लेख किया है कि हार्वेस्टर मशीन संचालकों को स्ट्रारीपर लगाकर फसल कटाई के बाद नरवाई का भूषा बनाना होगा। प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक को ग्वालियर जिले में फसल कटाई शुरू करने से पहले ग्वालियर में रेसकोर्स रोड स्थित कृषि यंत्री के कार्यालय में पंजीयन कराना होगा। साथ ही कटाई पंजी का संधारण भी करना होगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि नरवाई से भूषा बनाने की मशीन स्ट्रारीपर का उपयोग किए बगैर यदि कोई किसान फसल कटाने के लिए दबाव बनाता है तो इसकी सूचना तत्काल संबंधित ग्राम पंचायत सचिव अथवा संबंधित पुलिस थाना को देनी होगी।