पेसा एक्ट लागू, राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित।
भोपाल:- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के जनजातीय भाई बहनों के हित में पेसा नियम लागू किए गए हैं। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन है। सरकारी अधिकारी और अन्य सभी वर्ग मिल कर इसे सफल बनाएं। सामाजिक समरसता के साथ पेसा एक्ट के प्रावधान जमीन पर उतारे जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आर.सी.वी.पी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल में मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध, (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट कोई कर्मकांड नहीं, इससे जनजातीय वर्ग का जीवन बदलेगा। जनजातीय वर्ग को पेसा एक्ट सरल भाषा में समझाया जाए। राज्य स्तरीय कार्यशाला के बाद प्रदेश के 89 विकासखंडों के ग्रामों में लागू पेसा एक्ट को समझाने के लिए मास्टर्स ट्रेनर्स भी जिलों में पहुंचेंगे। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित कर लिया गया है। कार्यशाला में प्रमुख रूप से 20 जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, वन मंडल अधिकारी और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा एक्ट से सामाजिक समरसता से सामाजिक क्रांति आएगी। उन्होंने एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्धारित शेड्यूल के अनुसार 31 दिसंबर तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए ग्राम सभाएं जरूरी कार्यवाही पूरी करें। सभी विभाग संवेदनशील होकर जुट जाएं। एक्ट के प्रभाव क्षेत्र के बीस जिलों के 89 विकासखंडों में सभी व्यवस्थाएं की जाएं। दिए गए अधिकारों से जनजातीय वर्ग के जीवन स्तर में होने वाले सुधार को सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जाए। यह एक्ट लागू होने से जनजातीय वर्ग की जिन्दगी बदलने का कार्य शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर से प्रदेश में पेसा के नियम लागू कर दिए गए हैं। अब 89 विकासखंडों में ग्राम सभाओं के गठन का कार्य प्रारंभ हो रहा है। इसकी जानकारी प्रशिक्षण में दी जा रही है। जनजातीय वर्ग को जल, जंगल, जमीन से जुड़े अधिकारों के साथ ही महिला सशक्तिकरण के अधिकार दिलवाने के लिए सभी सक्रिय हों, इस उद्देश्य से कार्यशाला की गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा नियम के संबंध में प्रशासनिक अमला सकारात्मक मानसिकता बना कर सभी संबंधित लोगों को इसके नियम समझाएं। एक्ट के संबंध में कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए। सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र के जनजातीय बहुल ग्रामों की ग्रामसभा, जिनमें अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य भी शामिल हैं, अधिकार संपन्न होकर कार्य करेंगी। यह एक्ट किसी के विरोध में नहीं हैं। इसकी आवश्यक जानकारी संबंधित विभागों और अमले को दी जा रही है। एक्ट के क्रियान्वयन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित राजस्व, वन, जल संसाधन, कृषि और आबकारी विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है।