शासकीय धन के दुरूपयोग पर पूर्व सरपंच के खिलाफ कार्यवाही।
ग्वालियर:- शासकीय धनराशि का आहरण कर निर्माण कार्य पूर्ण न कराने के आरोप में पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत बारोल श्रीमती जशोदा पत्नी रामसेवक को जेल भेजने के आदेश विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर आशीष तिवारी ने धारा 92 के तहत जारी किए हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत बारोल श्रीमती जशोदा पत्नी रामसेवक द्वारा पंच परमेश्वर योजनांतर्गत ई-पंचायत कक्ष निर्माण कार्य की राशि 4 लाख 25 हजार रूपए आहरण कर छत ढलाई कराई गई। किंतु निर्माण कार्य प्राक्कलन अनुसार गुणवत्तापूर्ण नहीं कराया गया। जिसके कारण पूरा भवन अनुपयोगी हुआ। कार्य पर व्यय हुई राशि 4 लाख 25 हजार में से ½ राशि 2 लाख 12 हजार 500 शासन कोष में जमा नहीं कराई गई। इसके साथ ही स्कूल शौचालय संख्या 3 निर्माण कार्य हेतु आहरित राशि 30 हजार से निर्माण कार्य नहीं कराते हुए शासकीय राशि अनाधिकृत रूप से अपने पास रखकर वित्तीय अनियमितता की गई। आहरण राशि का ½ हिस्सा राशि 15 हजार शासन कोष में जमा नहीं कराई गई। इस प्रकार कुल शासकीय धनराशि 2 लाख 27 हजार रूपए का प्रभक्षण किया है।
पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर उक्त राशि चुकाने हेतु युक्ति युक्त समय दिया गया। किंतु उन्होंने रकम नहीं चुकाई। प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने हेतु आदेशित किया गया। किंतु दोषी सरपंच द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई।
विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन जेल में सुपुर्द करने का वारंट जारी कर दिया है।