क्षतिग्रस्त सड़कें दुरूस्त नहीं हुई तो कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री सहित ठेकेदार के खिलाफ होगी एफआईआर:- कलेक्टर
ग्वालियर:- सड़कों को खराब करना अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए जल-जीवन मिशन के तहत ग्रामीण अंचल में पाइप लाईन डालने से क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों को साथ-साथ में मूलरूप में लाया जाए, जिससे ग्रामीणों को बेवजह परेशानी न उठानी पड़े। यदि सड़कें दुरूस्त नहीं कराई गईं तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री व उपयंत्री सहित संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी। यह बात कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हर योजना में सड़कों की मरम्मत कराने का स्पष्ट प्रावधान होता है। कलेक्टर श्री सिंह ने लोक सवास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को साफ तौर पर ताकीद किया कि सरकार की मंशा के अनुरूप जल-जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल की टोंटी से पानी पहुँचाएं। इस काम में किसी भी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी पाइप लाईन डालने के लिए सड़कों की खुदाई की गई है उनकी मरम्मत कर मूल रूप में लाया जाए। श्री सिंह ने निर्देश दिए कि जिला स्तर से दल बनाकर सर्वे कराएं कि किस-किस गाँव में पाइप लाईन डालने से सीसी रोड़ खराब हुई हैं और समयबद्ध कार्यक्रम के तहत इन सड़कों की मरम्मत कराएँ।