ईओएलआई 2020 की रैंकिंग में, ग्वालियर को सस्टेनेविलिटी में देश भर में 5वा स्थान।
ग्वालियर:- केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने आज एक ऑनलाइन आयोजन में ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई) 2020 और नगर पालिका कार्य निष्पादन सूचकांक (एमपीआई) 2020 की अंतिम रैंकिंग जारी की। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा और उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस आयोजन में उपस्थित थे।
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 की उन शहरों के लिए घोषणा की गई जिनकी जनसंख्या दस लाख से अधिक और दस लाख से कम है। वर्ष 2020 में आयोजित मूल्यांकन प्रक्रिया में 111 शहरों ने भाग लिया। विश्लेषण में इन शहरों को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों और 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के रूप में स्मार्ट सिटी कार्यक्रम के तहत सभी शहरों के साथ श्रेणीबद्ध किया गया।
इस मूल्यांकन में सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे (सीपीएस) के माध्यम से नगर के प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं के बारे में नागरिकों के दृष्टिकोण भी शामिल हैं। गौरतलब है कि ईज आँफ लिविंग के अंतर्गत ग्वालियर को सस्टेनेविलिटी (स्थिरता) में देशभर में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। ग्वालियर शहर में किये जा रहे अनेक विकास कार्यो में सस्टेनेविलिटी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है जैसे हेरिटेज बिल्डिंगो का पुर्नउपयोग किया जाना है। सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे (सीपीएस) को सेवा की आपूर्ति के संदर्भ में अपने शहर के नागरिकों के अनुभव को मान्यता देने में मदद के लिए शुरू किया गया था। यह मूल्यांकन 16 जनवरी, 2020 से 20 मार्च, 2020 तक आयोजित किया गया था। इस सर्वेक्षण में 111 शहरों के कुल 32.2 लाख नागरिकों ने भाग लिया। जिसमे ग्वालियर का सीपीएस स्कोर 73.3 रहा है।
इस श्रेणी के अंतर्गत 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की ईज आँफ लिविंग श्रेणी में ग्वालियर को 31वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार ईओएलआई इंडेक्स की तरह, एमपीआई 2020 के तहत मूल्यांकन ढांचे में जनसंख्या के आधार पर नगरपालिकाओं को दस लाख से अधिक जनसंख्या वाली नगरपालिका और 10 लाख से कम आबादी वाले नगरपालिकाओं में श्रेणीबद्ध किया गया है। जिसके तहत ग्वालियर को 34 वां स्थान प्राप्त हुया है एमपीआई द्वारा 111 नगरपालिकाओं की पाँच वर्टिकलों में क्षेत्रवार किए गए प्रदर्शन की जांच की गई। इन पांच वर्टिकलों में कुल मिलाकर 20 क्षेत्र और 100 संकेतक शामिल हैं। एमपीआई के तहत पाँच वर्टिकल हैं- सेवाएँ, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शासन।
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई) एक मूल्यांकन उपकरण है जो जीवन की गुणवत्ता और शहरी विकास के लिए विभिन्न पहलों के प्रभाव का आकलन करता है। यह जीवन की गुणवत्ता, शहर की आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलापन के आधार पर देश भर के प्रतिभागी शहरों की व्यापक समझ उपलब्ध कराता है।
ईओएलआई और एमपीआई के संशोधित संस्करण के लिए कार्यप्रणाली और दृष्टिकोण फरवरी 2019 में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए थे। आवश्यक रूप से ईओएलआई की रिपोर्ट का उद्देश्य 111 शहरों में जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक क्षमता और स्थिरता के लिए 13 श्रेणियों में 49 संकेतक के साथ भारतीय नागरिकों का मापन करना है। ईओएलआई मुख्य रूप से सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि सहित भारत के शहरी विकास परिणामों में तेजी लाने का प्रयास करता है। सूचकांक से प्राप्त निष्कर्ष साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण में मार्ग दर्शन करने में मदद कर सकते हैं। यह शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें अपने साथियों से कुछ सीखने और अपने विकास गति को आगे बढ़ाने में प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।