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बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो:- कलेक्टर

बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो:- कलेक्टर

ग्वालियर:-  कोचिंग संस्थानों के भवनों का सुरक्षा के लिहाज से बारीकी से ऑडिट कराएँ। खासतौर पर बहुमंजिला भवनों में संचालित कोचिंग संस्थानों में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना चाहिए। यह निर्देश आज कलेक्टर  कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में सभी एसडीएम एवं नगर निगम के अधिकारियों को दिए। उन्होंने शहर के घने बाजारों, अस्पतालों सार्वजनिक एवं निजी भवनों में लगी लिफ्ट, आंगनबाड़ी भवन, छात्रावास, बाल गृह एवं महिला संरक्षण गृहों की भी सुरक्षा को लेकर ऑडिट कराने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।

आज कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से ऑडिट के पीछे का उद्देश्य यह है कि कोचिंग संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो। इसलिये जिन बहुमंजिला भवनों में कोचिंग संचालित हैं, उन भवनों की सभी मंजिलों की सीढ़ियों व गलियारों में धुँए के वेन्टीलेशन की व्यवस्था अनिवार्यत: हो। साथ ही मुख्य विद्युत पैनल व बायरिंग सुरक्षित तरीके से होना चाहिए। भवन में अग्निशमन से संबंधित उपकरण व सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता हर समय रहे। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों के संचालकों एवं भवन मालिकों की सुरक्षा के लिये जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। श्री सिंह ने राष्ट्रीय भवन कोड में निर्धारित मानकों के अनुरूप अग्नि सुरक्षा के इंतजाम कराने पर बल दिया।
कलेक्टर  ने यह भी निर्देश दिए कि शहर के घने बाजारों में भी अग्नि दुर्घटना की संभावना न रहे। इसलिये हर बाजार का बारीकी से ऑडिट करें। बाजारों की गलियों में विद्युत लाईन प्रॉपर हो और दुकानों में भी अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों। उन्होंने कहा इसी तरह शहर के सरकारी एवं निजी छात्रावासों, बाल गृह एवं महिला संरक्षण गृहों में सुरक्षा के लिये ऑडिट कराएँ। साथ ही छात्रावासों एवं बाल व महिला संरक्षण गृहों की मूलभूत सुविधाओं को भी ऑडिट के जरिए सुदृढ़ कराएँ। श्री सिंह ने कहा कि कोविड-19 की वजह से बंद रहे स्कूल के भवनों की भी ऑडिट कराएँ। स्कूलों में साफ-सफाई बेहतर हो और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित उपाय भी सुनिश्चित कराएँ।
शहर के सार्वजनिक एवं निजी भवनों में लगी सभी लिफ्ट की अभियान बतौर ऑडिट कराने पर जोर देते हुए कलेक्टर ने कहा कि भवन स्वामियों को साफ-तौर पर ताकीद कर दें कि सुरक्षा मानकों के अनुरूप लिफ्ट में सभी इंतजाम होने चाहिए। साथ ही लिफ्ट की नियमित रूप से तकनीकी जाँच व मरम्मत कराते रहें। इस आशय के प्रमाण-पत्र भी भवन मालिकों से लिए जाएँ।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री आशीष तिवारी, स्मार्ट सिटी की सीईओ श्रीमती जयति सिंह, एडीएम श्री रिंकेश वैश्य व श्री टी एन सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर  कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक में यह भी निर्देश दिए कि जिले के सड़क मार्गों एवं पुल-पुलियों की भी संबंधित कार्य एजेन्सी ऑडिट करे। ऑडिट के माध्यम से संभावित दुर्घटना स्थलों का पता लगाकर सड़कों व पुल-पुलियों की मरम्मत कराएँ और उन स्थलों को दुर्घटना मुक्त क्षेत्र बनाएँ।
सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निराकरण पर जोर
कलेक्टर  कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में कहा कि शिकायतें सिस्टम को सुधारने का अवसर देती हैं। इसलिये सीएम हैल्पलाइन में प्राप्त होने वाली शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निराकरण के साथ-साथ उन जैसे अन्य प्रकरणों को स्वत: संज्ञान में लेकर जनता की समस्यायें निपटायें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को अभियान बतौर सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही आगाह किया कि एल-1 स्तर के जो अधिकारी सीएम हैल्पलाइन पोर्टल पर निराकरण की जानकारी नहीं भरेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। श्री सिंह ने जीवाजी विश्वविद्यालय, राजस्व विभाग, खाद्य एवं जनजाति कार्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को अभियान चलाकर सीएम हैल्पलाइन की पेंडेंसी जीरो पर लाने के निर्देश दिए।
जन कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिये शिविर लगाएँ
जिले के ग्रामीण अंचल में सरकार की उच्च प्राथमिता वाली जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिये विशेष शिविर लगाने के निर्देश भी कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में दिए। उन्होंने कहा इन शिविरों में सभी संबंधित अधिकारी पहुँचें और मौके पर ही शिकायतों का निराकरण करें।

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