5 अक्टूबर को होगी संगोष्ठियाँ
5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस पर शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षिक संगोष्ठियाँ की जायेगी। इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को निर्देश जारी कर दिये हैं।
5 अक्टूबर 1966 को यूनेस्कों द्वारा आयोजित शिक्षा सम्मेलन में ‘स्टेटस ऑफ टीचर्स’ दस्तावेज तैयार पर शिक्षकों के संबंध में अपनी अनुशंसाएँ जारी की थी। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रति-वर्ष 5 अक्टूबर को यूनेस्को की ओर से विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने की परम्परा प्रचलन में है। यूनेस्को द्वारा वर्ष 2018 में ‘द राइट टू एजुकेशन मीन्स राइट टू अ क्वालिफाइड टीचर’ थीम निर्धारित की गई है। इसी थीम पर केन्द्रित शैक्षिक संगोष्ठियाँ करने के लिए कहा गया हैं।
शैक्षिक संगोष्ठियों में मुख्य रूप से शासकीय शालाओं की प्रभावशीलता में शिक्षकों की भूमिका, संवैधानिक मूल्यों के प्रसार में शिक्षा और शिक्षकों की भूमिका, सामाजिक न्याय की स्थापना में शिक्षा और शिक्षकों की भूमिका, विद्यार्थियों में ज्ञान सृजन के लिए शिक्षकों को सक्रिय बनाने की दिशा में शिक्षक-प्रशिक्षण की उपयोगिता पर चर्चा की जायेगी। शैक्षिक संगोष्ठियों में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षकों को आमंत्रित कर उनके कृतित्व पर परिसंवाद कराएँ जाने के लिए भी कहा गया है।प्रदेश में सरकारी भवनविहीन शालाओं के लिए शाला भवनों के निर्माण के लिए पहली बार 900 करोड़ रुपये की कार्य-योजना स्वीकृत की गई है। वर्ष-2018-19 में 125 हाई स्कूल और 572 हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवनों के निर्माण के लिए 459 करोड़ रुपये का प्रावधान है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने जिलों में बनाये जा रहे शाला भवनों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हुए हैं।