आर्टिफिशल इंटेलीजेन्स रोमांचक मोड़ पर:- आनंद देशपाण्डेय
ग्वालियर :-अटल बिहारी वाजपेयी – भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर का 5वां दीक्षांत समारोह, निदेशक एवं शासी मण्डल अध्यक्ष प्रो. श्री निवास सिंह की अध्यक्षता में बुधवार, आज अपराहन 3 बजे से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। संस्थान के समस्त शासी मण्डल एवं सीनेट के सदस्यगण की अगुवाही में पंचम दीक्षांत समारोह का आयोजन संस्थान के लगभग 1000+ सीटिंग क्षमता वाले नवीन कन्वेंशन सेंटर, में पहली बार सम्पन्न हुआ।
बीओजी अध्यक्ष तथा निदेशक एबीवी-ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर, मुख्य अतिथि, सम्मानित अतिथि और विशिष्ट अतिथि, कुलसचिव, संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर और सीनेट के सदस्य, डीन और विभागाध्यक्षों ने पूर्व निर्धारित दीक्षांत समारोह की पोशाक पहन कर शोभा यात्रा में भाग लिया। डिग्री प्राप्तकार्ताओं को निदेशक एवं शासी मण्डल अध्यक्ष प्रो. निवास सिंह के द्वारा शपथ दिलाई गयी एवं संस्थान के विकास कार्यों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। पांचवे दीक्षांत समारोह के मुख्य समन्वयक प्रो. मनोज पटवर्धन व सह समन्वयक डॉ. वीनल पटेल का कार्य सरहनीय रहा जिससे कि यह समारोह अपेक्षित एवं भव्य तरीके से पूर्ण हुआ।
291 डिग्री प्राप्तकर्ताओं में से इस समारोह में कुल 180 छात्र और छात्राओं ने भौतिक रूप से भाग लिया। दीक्षांत समारोह-2024 के लिए डिग्री प्राप्तकर्ता पूर्व निर्धारित दीक्षांत परिधान पहन कर आए थे एवं यह दृश्य अत्यंत ही मनभावन प्रतीत हो रहा था। सभी छात्र और छात्राओं के मन में अपने संस्थान में बिताए पलों कि यादें ताज़ा हो गईं तथा उन्होने इस पल को सम्पूर्ण तरीके से सेलिब्रेट किया। अभिभावकों के हृदय में भी एक अलग ही उत्साह एवं गर्व देखा गया।
समारोह के मुख्य अतिथि परसिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक , अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आनंद देशपांडे जी का स्वागत व सम्मान निदेशक महोदय के द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि डॉ. विजय कुमार सारस्वत, माननीय सदस्य, नीति आयोग को सम्मानार्थ डीएससी (ऑनोरिस कॉसा) की डिग्री प्रदान की गयी। विशिष्ट अतिथि श्रीमती सुधा मूर्ति, अध्यक्षा, इंफ़ोसिस फाउंडेशन एवं माननीय सांसद – राज्य सभा, को उनकी अनुपस्थिति में डीएससी (ऑनोरिस कॉसा) की डिग्री से सम्मानित किया गया। प्रो. मुकुल सुतावने, निदेशक आई आई आई टी इलाहाबाद भी विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। संस्थान के निदेशक एवं शासी मण्डल के अध्यक्ष प्रो. श्री निवास सिंह के द्वारा यह उपाधि प्रदान की गयी। प्रो. एस एन सिंह ने बताया कि एबीवी – ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर देश का ऐसा पहला संस्थान है जिसने 2024 में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को सर्वप्रथम डिग्री प्रदान की है। इस दीक्षांत समारोह में पांच विद्यार्थियों को संस्थान का स्वर्ण पदक और दो को सीताराम जिंदल स्वर्ण पदक दिया गया। इसके अलावा संस्थान में एक दानदाता की माताजी स्वर्गीय श्रीमती गुजरा सिंह की यादगार में गुजरा सिंह मेमोरियल गोल्ड मेडल प्रथम बार स्थापित किया गया जो कि उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ आईएमटी प्रोजेक्ट टॉपर की एक छात्रा शांभवी शंडिल्य को प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि आनंद देशपांडे जी ने इस वर्ष स्नातक होने वाले छात्रों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह दीक्षांत समारोह आपकी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह आपके धैर्य और कड़ी मेहनत का उत्सव है। सभी चुनौतियों के बावजूद, आप आज यहां हैं क्योंकि आपने सभी कठिनाइयों को पार कर लिया है, और आज आपकी जीत का जश्न मनाया जा रहा है। जैसा कि आप आज यहां खड़े हैं, मुझे यकीन है कि आपने महसूस किया है कि कड़ी मेहनत काफी अच्छी है, चुनौतियों पर काबू पाने से आप मजबूत बनते हैं और जीवन एक यात्रा है जो सबसे मजेदार तब होती है जब आप दोस्तों के साथ यात्रा करते हैं। ये जीवन के आवश्यक सबक हैं। आपके दीक्षांत समारोह के अवसर पर आपके साथ अपने विचार साझा करने का अवसर पाकर मुझे खुशी हो रही है। जैसा कि आपने देखा, हम तेजी से बदलती और विकसित हो रही दुनिया में रहते हैं। बस कंप्यूटर, इंटरनेट और सेल फोन के बिना जीवन की कल्पना करें। आप संभवतः छात्रों के पहले कुछ बैचों में से एक हैं जो जीवन भर सेल फोन, इंटरनेट और कंप्यूटर के साथ पैदा हुए थे। आप इस पर विश्वास नहीं कर सकते हैं, लेकिन जब मैं स्कूल में था तब हमारे घर में कंप्यूटर नहीं थे, जब मैं आईआईटी में था तो हमारे पास इंटरनेट नहीं था, और मुझे अपना सेल फोन 90 के दशक के अंत में मिला, 25 साल से भी कम समय पहले। ध्यान दें कि प्रौद्योगिकी तेजी से विकसित हो रही है और ऐसा करना जारी रहेगा। मुझे यकीन है कि चैटजीपीटी के इस युग में आप इस बात से सहमत होंगे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है, और अगले कुछ वर्षों में, मुझे उम्मीद है कि एआई जीवन के सभी पहलुओं को बदल देगा। संक्षेप में, प्रौद्योगिकी तेजी से विकसित हो रही है और ऐसा करना जारी रहेगा। इन परिवर्तनों के साथ तालमेल बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी और चुनौती होगी। उन्होने महात्मा गांधी जी के इस विचार को रखा- “आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाती हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाती हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाते हैं।” देशपांडे जी ने छात्र एवं छात्राओं को उनके जीवन की सफलता हेतु 5 नए विचार भी सुझाए।
संस्थान के कुलसचिव कृष्ण कुमार तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने कहा कि मंच से सभागार में बैठे सभी अभिभावकगण एवं रंग बिरंगी परिधानों को पहने छात्र एवं छात्राएँ बहुत सुंदर दृश्य दिखाते हैं। उन्होने सभी उत्तीर्ण छात्र- छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए, सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए, धन्यवाद ज्ञापित किया। अंत में राष्ट्र्गान के उपरांत समारोह का समापन हुआ।