a
Copyright Hindustan Media Diary
भारतीय वन सेवा के आधिकारियों के तबादले!-अनियमितता एवं गंभीर लापरवाही के चलते 4 इंजिनियर निलंबित!-सिविल सर्जन को हटाने के लिए कलेक्टर ने लिखा स्वास्थ्य आयुक्त को पत्र!-प्रदूषण नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग की व्यवस्था के साथ आरव्हीसीएफ सेंटर शुरू!-निगमायुक्त ने कार्य व्यवस्था के चलते कर्मचारियों/आधिकारियों के मध्य किया कार्य विभाजन!-राज्य पुलिस सेवा के आधिकारियों के तबादले!-सहायक यंत्री का एक माह का वेतन राजसात करने के लिए नोटिस जारी!-अनियमितता, लापरवाही और उदासीनता बरतने पर चिकित्सा अधिकारी निलंबित!-IPS आधिकारियों के तबादले, देखें सूची?-अब क्षेत्रीय कार्यालयों में बनेंगे आयुष्मान कार्ड :- निगमायुक्त
Homeअंचलग्वालियरप्रोजेक्ट का उद्देश्य धातु स्क्रैप के अपशिष्ट से शहर के सौन्द्रीयकरण को बढ़ावा देना है:- नीतू माथुर

प्रोजेक्ट का उद्देश्य धातु स्क्रैप के अपशिष्ट से शहर के सौन्द्रीयकरण को बढ़ावा देना है:- नीतू माथुर

प्रोजेक्ट का उद्देश्य धातु स्क्रैप के अपशिष्ट से शहर के सौन्द्रीयकरण को बढ़ावा देना है:- नीतू माथुर

ग्वालियर:-  शहर में बढ रहे अपशिष्ठ और धातु स्क्रैप को सौन्द्रीयकरण में कैसे प्रयोग किया जाए और अपशिष्ठ प्रबंधन के बारे में जन जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ग्वालियर स्मार्ट सिटी कारपोरेशन द्वारा वेस्ट टू आर्ट प्रोजेक्ट के तहत ग्वालियर के सार्वजनिक स्थानों पर अपशिष्ठ और धातु स्क्रैप से तैयार स्कल्पचर्स स्थापित किए जा रहे है। इस परियोजना के प्रथम चरण में शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलो पर 5 स्कल्पचर्स स्थापित किए गए थे, जिन्हे शहरवासियो द्वारा काफी पसंद किया गया था। अब इसी परियोजना के दूसरे चरण में 7 स्कल्पचर्स शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलो पर स्थापित किए जा रहे है, इन स्कल्पचर्स को स्थापित करते ही यह न केवल आम लोगो के लिए आकर्षण का केन्द्र बने है, बल्कि अपशिष्ठ और अनुपयोगी वस्तुओ के बेहतर प्रयोग को लेकर आम लोगो को जागरुक करने में सहायक सिद्ध हो रहे है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी सीईओ श्रीमती नीतू माथुर ने  बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ग्वालियर शहर में मूर्तियां बनाने के लिए धातु स्क्रैप सहित बड़े पैमाने पर अपशिष्ट का उपयोग कर सौन्द्रीयकरण को बढ़ावा देना है। उन्होने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत शहर के पार्क, बाजार, नगर विद्यालयों आदि जैसे सार्वजनिक स्थानों में स्क्रैप/अपशिष्ट सामग्री से मूर्तिकला की डिजाइन, फैब्रिकेशन और स्थापना की जा रही है, ताकि शहर में आमजन के बीच अपशिष्ठ प्रबंधन को लेकर जन जागरुकता फैलाने के साथ शहर का सौन्द्रीयकरण हो सके।
श्रीमती माथुर ने  बताया कि वेस्ट टू आर्ट परियोजना के तहत पहले चरण में 5 जिनमे गांधी जी, चरखा, सौन चिरैया, सरोद वाधयंत्र, व मृण शिल्प स्कल्पचर्स को विभिन्न सार्वजनिक स्थलो पर स्थापित किया गया था। इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत ग्वालियर मेला साइन, हाकी खिलाडी, दर्जी ओली साइन, ईमोजी, ग्वालियर फर्नीचर के स्कल्पचर्स को स्थापित किया गया है। वही साइकिल, ग्वालियर स्टोन जाली के स्कल्पचर्स भी बनकर तैयार है और इनके फाउंडेशन का कार्य अंतिम चरण मे है जल्द ही इन्हे भी स्थापित कर दिया जायेगा। गौरतलब है कि योजना के अंतर्गत शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलो पर कुल 20 स्कल्पचरो को 98 लाख रुपए की लागत से स्थापित किया जाना था जिनमे से अब केवल 4 शेष है जिनकी जगह चिन्हित कर जल्द ही इन्हे भी स्थापित कराने का कार्य किया जायेगा।

Share With:
Rate This Article

hindustanmediadiary@gmail.com

No Comments

Leave A Comment