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Homeभोपाल92 करोड़ की कर चोरी पकड़ी, 12 करोड़ 64 लाख रुपए मौके पर जमा कराए।

92 करोड़ की कर चोरी पकड़ी, 12 करोड़ 64 लाख रुपए मौके पर जमा कराए।

92 करोड़ की कर चोरी पकड़ी, 12 करोड़ 64 लाख रुपए मौके पर जमा कराए।

भोपाल:- वाणिज्यिक कर विभाग ने डाटा एनालिटिक्स, डाटा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की रिपोर्ट का उपयोग करते हुए व्यवसायियों के यहां छापे की कार्रवाई कर टैक्स चोरी उजागर हुई। साथ ही कई व्यापारियों से मौके पर कर जमा करवाया गया। छापों में लगभग 92 करोड़ रूपये की कर चोरी पाई। मौके पर ही 12 करोड़ 64 लाख रूपये कार्यवाही के दौरान जमा करवाए गए है। आयुक्त वाणिज्यिक कर  लोकेश कुमार जाटव के निर्देशन में शहडोल, इन्दौर, टीकमगढ़ एवं नीमच जिलों के आयरन एंड स्टील सेक्टर और पान मसाला के चिन्हित 11 व्यवसायियों के 19 व्यावासायिक एवं निवास स्थान पर अलग अलग समय पर छापे की कार्रवाई की गई।

टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग इन्दौर एवं एंटी इवेजन व्यूरो जबलपुर द्वारा जीएसटी पोर्टल, ई वे बिल पोर्टल एवं चलित वाहनों की जांच के अनुक्रम में ब्यौहारी जिला शहडोल के एक व्यवसायी मेसर्स दुर्गा हार्डवेयर के 5 वाहनों पर अलग अलग समय पर बिना ई वे बिल के लोहा एवं सरिया परिवहन पर धारा 68 में शास्ति अधिरोपित की।

गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर  शहडोल स्थित मेसर्स दीन दयाल गुप्ता, मेसर्स दुर्गा हार्डवेयर, मेसर्स पुरूषोत्तम दास आशीष कुमार गुप्ता एवं मेसर्स श्री दुर्गा ट्रेडर्स के चलित वाहनों की जांच की गई। चारों व्यवसायी के यहां सर्च में कागजात जप्त किए गए, और इनकी फर्मों से कुल 80 लाख रूपये से अधिक की राशि जमा कराई गई।

टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग” इन्दौर के अनुसार नीमच स्थित मेसर्स जी.आर. इंफ्राप्जेक्ट द्वारा एनएचएआई से वर्कस कान्टैक्ट प्राप्त कर रोड़ निर्माण का कार्य किया जाता है। फर्म द्वारा गलत तरीके से आईटीसी क्लेम कर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर निर्मित कर आईटीसी एकत्र की गई है। फर्म द्वारा अर्थ वर्क के कार्य में 5 प्रतिशत एवं 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत की दर से अधिक इनपुट लिया गया है। इस आधार पर कार्यवाही कर 5 करोड़ 95 लाख रूपये एवं प्रथम सुनवाई के बाद 3 करोड़ 80 लाख रूपये कुल 9 करोड़ 75 लाख रूपये मौके पर जमा करवाये। 

मेसर्स ग्वाला कस्टेक्शन लिमिटेड टीकमगढ़ मुख्यतः वर्क्स कांट्रेक्टर है और सड़क निर्माण के क्षेत्र में कार्य करती है। शासकीय विभागों से प्राप्त ठेकों में से अधिकांश भाग सब कांट्रेक्टर को सबलेट किया जाता है। साथ ही व्यवसायी सीमेंट, बिटुमिन एवं आयरन स्टील की अपने सब कांट्रेक्टर को सप्लाई भी करता है। इस आउटवर्ड सप्लाई के व्यवसायी द्वारा पृथक से बिल जारी किया जाता है और सब कांट्रेक्टर पृथक से इसका भुगतान व्यवसायी को करते हैं। व्यवसायी द्वारा सीमेंट, बिटुमिन एवं आयरन स्टील माल की अलग अलग वर्षों में की गई खरीद में से कुछ हिस्से के आउटवर्ड सप्लाई बिल जारी किए है, शेष बड़े भाग का न तो व्यवसायी द्वारा स्वयं किसी वर्क्स कांट्रेक्ट में उपभोग किया गया है, न ही आउटवर्ड सप्लाई की गई है और न ही व्यवसायी के क्लोजिंग स्टॉक में माल शेष है। ई वे बिल के परीक्षण से माल के डिलीवरी पते को चिन्हित करने पर पाया गया कि व्यवसायी द्वारा क्रय किए माल का अधिकांश भाग उन कंस्ट्रक्शन साइट पर डिलीवर किया गया, जहां सब कांट्रेक्टर काम कर रहे थे। व्यवसायी द्वारा बिना बिल जारी किए इन सब कांट्रेक्टर को माल सप्लाई किया गया है। इस आधार पर मौके पर 50 लाख रूपये जमा करवाए गए।

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