सिर्फ गिरफ्तारी नहीं कठोरतम दंड देंगे, महिलाओं के सम्मान को आंच पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा:- मुख्यमंत्री
भोपाल:- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध घटित करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। भोपाल में हई घटना के संबंध में पुलिस कमिश्नर के साथ साथ आला अफसरों की बैठक में आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शिवाजी नगर स्थित श्रीमती सीमा के निवास पर जाकर भेंट की और स्वास्थ्य की जानकारी ली। शनिवार को एक घटना में श्रीमती सीमा पर कुछ बदमाशों द्वारा ब्लेड से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घायल महिला को एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा श्रीमती सीमा का साहस सराहनीय है। उसने बदमाशों की आपत्तिजनक और अश्लील हरकत का हिम्मत से मुकाबला किया। राज्य शासन द्वारा श्रीमती सीमा का उपचार करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अन्याय का प्रतिकार करना अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का काम है। घटना का प्रतिरोध करने वाली सीमा अन्य महिलाओं के लिए प्रेरक भी है। मुख्यमंत्री ने श्रीमती सीमा के बेटा और बेटी जो भोपाल में पढ़ते हैं, उनके सहयोग के लिए भी कलेक्टर भोपाल को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि घटना के आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रीमती सीमा के पति और अन्य परिजन से भी बातचीत की। घटना में तीन अपराधी शामिल हैं। उन्होंने भयानक अपराध किया है। मुख्य अपराधी ऑटो चलाने का कार्य करता है। वह कुछ दिन पूर्व ही जेल से छूट कर आया है। उसे गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही उसके वाहन का लायसेंस रद्द कर दिया गया है। श्रीमती सीमा ने साहस का काम किया है। मैं उसे प्रणाम करता हूं और बधाई देता हूं, कि वे अन्याय और हिंसा के खिलाफ प्रेरणा बन कर सामने आई हैं।
मुख्यमंत्री ने सुबह मुख्यमंत्री निवास में आला अफसरों की बैठक बुलाकर राजधानी में हुई हिंसा की इस घटना पर चिंता और दु:ख व्यक्त किया। उन्होंने अप्रसन्नता के स्वर में कहा कि इस घटना से मैं बहुत अपसेट हूं। महिलाओं के विरूद्ध छेड़खानी की घटनाएं हिंसा का स्वरूप लेंगी, यह अकल्पनीय है। श्री चौहान ने पुलिस कमिश्नर भोपाल मकरंद देउस्कर को निर्देश दिए कि महिलाओं के सम्मान पर आंच पहुंचाने वाले अपराधिक तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। उनके विरूद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। उन्हें जिला बदर भी करना पड़ तो प्रकरण तैयार कर तेजी से क्रियान्वित किया जाए। ऐसे जघन्य अपराधियों को सिर्फ कारावास में भेजने से काम नहीं चलेगा। आवश्यक धाराओं में और अधिक कठोर कार्यवाही की जाए।