40 आउटसोर्स मीटर रीडरों की सेवाएं समाप्त, 101का वेतन काटा 53 को चेतावनी दी।
मुरैना:- मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने के आरोप में सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से कंपनी कार्यक्षेत्र में कार्यरत 40 मीटर वाचकों को ड्यूटी से पृथक करने के साथ ही 101 मीटर वाचकों का तीन दिन तक का वेतन काटा गया है। वहीं 53 मीटर वाचकों को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते चेतावनी जारी की गई है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित मीटर की फोटो मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने और गलत मीटर रीडिंग लेने पर मीटर वाचकों पर सख्त कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। कंपनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत मुरैना में 4, होशंगाबाद में 6, रायसेन में 6, भिंड में 3, गुना में 3, हरदा में 3, सीहोर में 3, भोपाल में 5, ग्वालियर में 2, राजगढ़ में 2, शिवपुरी में 2 एवं विदिशा में 1 आउटसोर्स मीटर वाचक को आदेशों की अव्हेलना और मीटर वाचन में गड़बड़ी के आरोप में सेवा से पृथक कर दिया गया है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि उपभोक्ताओं के परिसर पर एक्युरेसी के साथ मीटर वाचन होना चाहिए और मीटर रीडिंग के आधार पर ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक दिए जाएं। उन्होंने कहा कि मीटर वाचकों के कार्य पर निष्ठा एप के द्वारा निगरानी रखी जाए और जो मीटर वाचक कर्तव्य पालन में लापरवाही बरत रहे हैं, उन्हें सेवा से पृथक किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि है। उपभोक्ताओं को कंपनी बेहतर से बेहतर सेवाएं देने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने उपभोक्ताओं को जागरूक रहने के लिए कहा है कि जब उनके परिसर की मीटर रीडिंग होती है तो वे मीटर वाचक द्वारा ली गई रीडिंग और मीटर में दर्ज रीडिंग पर नजर रखें ताकि सही देयक मिल सके। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रयास हैं कि बिलिंग संबंधी शिकायतों को शून्य लेवल पर लाया जाए। कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने कहा है कि फोटो मीटर रीडिंग निष्ठा एप के माध्यम से की जा रही है। दरअसल फोटो मीटर रीडिंग ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं है और मीटर वाचन में अंकित वाचन की फोटो खींचकर सिस्टम में अपलोड की जाती है। मीटर वाचकों पर कड़ी निगरानी और लापरवाही बरतने वाले मीटर वाचकों को सेवा से मुक्त किए जाने की कार्यवाही के कारण उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है। कुछ शहरों में क्यू आर कोड लगाने के कारण भी फायदा मिला है एवं इससे मीटर वाचन की प्रक्रिया जल्दी संपादित हो रही हैं।