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Homeअंचलग्वालियरबेरीकेटिंग के काम में असहयोग करने वाले नगर निगम के जेड.ओ. एवं पीडब्ल्यूडी के अनुविभागीय अधिकारियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए:- कलेक्टर

बेरीकेटिंग के काम में असहयोग करने वाले नगर निगम के जेड.ओ. एवं पीडब्ल्यूडी के अनुविभागीय अधिकारियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए:- कलेक्टर

बेरीकेटिंग के काम में असहयोग करने वाले नगर निगम के जेड.ओ. एवं पीडब्ल्यूडी के अनुविभागीय अधिकारियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए:- कलेक्टर

ग्वालियर:- जिन गली-मोहल्लों में अधिक संख्या में कोरोना मरीज मिलें, उन गली-मोहल्लों में बैरीकेटिंग कर कंटेनमेंट जोन बनाएं, जिससे कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। कंटेनमेंट जोन के काम को गंभीरता से लें, इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। इस आशय के निर्देश कलेक्टर  कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इंसीडेंट कमांडर की बैठक में दिए। उन्होंने कहा बेरीकेटिंग के साथ-साथ कंटेनमेंट जोन से संबंधित फ्लेक्स भी लगाए जाएं। आज कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने सभी इंसीडेंट कमाण्डर को निर्देश दिए कि बेरीकेटिंग के काम में असहयोग करने वाले नगर निगम के जेड ओ एवं लोक निर्माण विभाग के अनुविभागीय अधिकारियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। अभियान बतौर कंटेनमेंट जोन बनाने पर जोर देते हुए कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं सभी इंसीडेंट कमाण्डर के क्षेत्र में बैरीकेटिंग का निरीक्षण करेंगे। कलेक्टर ने इंसीडेंट कमाण्डर को यह भी निर्देश दिए कि हर शाम को जांच रिपोर्ट के आधार पर कोरोना मरीज की जानकारी मिलते ही मरीजों से संपर्क किया जाए। साथ ही इंसीडेंट कमाण्डर अपनी टीम में शामिल चिकित्सक के माध्यम से मरीजों से चर्चा कराकर यह सुनिश्चित करें कि किस मरीज को होम आईसोलेशन में और किसे अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में रखा जाना है। उन्होंने कहा सभी मरीजों तक जल्द से जल्द दवाओं की किट पहुंच जाना चाहिए।  शतप्रतिशत मरीजों के घर पर भ्रमण कर पर्चा चिपकवाए और दवाओं के साथ मरीज को गाइडलाइन का पेम्प्लेट आवश्यक रूप से दें, जिसमें सभी टेलीफोन नम्बर हों ताकि मरीज को यदि कोई परेशानी हो तो वह उन फोन नम्बर पर संपर्क कर अस्पताल पहुंच सके।

स्मार्ट सिटी की सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने बैठक में जानकारी दी कि कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर के माध्यम से हर मरीज से सतत संपर्क कर उन्हें आवश्यक सहायता मुहैया कराई जा रही है। इंसीडेंट कमाण्डर जरूरत होने पर दवाये आदि पहुंचाने में कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर पर तैनात टीम एवं एम्बूलेंस का सहयोग ले सकते हैं।

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