परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक तर्क संगत परिवहन नीति बनाए:- मुख्यमंत्री
भोपाल:- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि परिवहन विभाग के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाया गया है जो प्रशंसनीय है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को निरंतर बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार परिवहन सेवाएं बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में आज परिवहन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अपर मुख्य सचिव परिवहन एस.एन. मिश्रा उपस्थित थे। बैठक में बताया कि नई दिल्ली में आयोजित परिवहन मंत्रियों की बैठक में मध्यप्रदेश के परिवहन क्षेत्र में किए गए श्रेष्ठ कार्यों का उल्लेख किया गया।
श्री चौहान ने कहा कि सारथी पोर्टल के माध्यम से अनेक कार्यों को फेस लेस करने के प्रयास सराहनीय पहल है। मुख्य रूप से चार फेस लेस सेवाओं लर्निंग लायसेंस के निर्माण, डुप्लीकेट ड्रायविंग लायसेंस जारी करने, ड्रायविंग लायसेंस की अवधि बढ़ाने और एड्रेस में परिवर्तन का उपयोग हो रहा है। इन फेस लेस सेवाओं का लाभ 14 लाख आवेदकों को प्राप्त हुआ है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिसूचित फेस लेस सेवाओं का वाहन/सारथी पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वयन किया जा रहा है। अभी सार्थक पोर्टल कार्यशील है। अगले दो माह में वाहन पोर्टल को भी एक जाई किया जाएगा। वर्ष 2022-23 में 14 सेवाओं को फेस लेस करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न चैकपोस्ट पर मानव रहित व्यवस्था प्रारंभ करने के निर्देश दिए। आम लोगों को चेक पोस्ट पर होने वाली परेशानियों से बचाने में यह व्यवस्था महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक हजार महिलाओं को वाहन चालन प्रशिक्षण की लक्ष्य पूर्ति के लिए कार्य तेज किया जाए। वर्तमान में 337 महिलाओं को नि:शुल्क चालक प्रशिक्षण दिया हा चुका है। परिवहन विभाग द्वारा वैकल्पिक राजस्व में वृद्धि के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जाएंगे। इनमें सार्वजनिक वाहनों पर विज्ञापन और करों के युक्तियुक्तकरण के कार्य शामिल हैं। इसके साथ ही स्क्रैप पॉलिसी को मूर्त रूप देने, ई-व्हीकल के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने, एक्रेडिटेड ड्रायविंग ट्रेनिंग सेंटर्स और निजी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से वाहन फिटनेस सेंटर्स की स्थापना के कार्य किए जा रहे हैं। बैठक में ई-चालान व्यवस्था, इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट ऑथारिटी, हाई सिक्योरिटी प्लेट के उपयोग के संबंध में भी चर्चा हुई।
प्रजेंटेशन में बताया गया कि परिवहन विभाग की सेवाएं निजी सेवा प्रदाता के माध्यम से प्रदाय किए जाने की रणनीति में “यूजर चार्जेस मॉडल” लागू होने से पृथक बजट की आवश्यकता सामने नहीं आई है। स्वरोजगार के लिए महिलाओं को विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं के सहयोग से ड्रायविंग कार्य में प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं की पूर्ति में परिवहन विभाग सक्रिय है। सीएम मोनिट के प्रकरणों में भी निराकरण कर लिया गया है।