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पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छ और सुन्दर शहर ग्वालियर स्मार्ट सिटी की परिकल्पना:- श्रीमती जयति सिंह

पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छ और सुन्दर शहर ग्वालियर स्मार्ट सिटी की परिकल्पना:- श्रीमती जयति सिंह

ग्वालियर:-  स्मार्ट सिटी ग्वालियर द्वारा शहरवासियो के जीवन को बेहतर व सुगम बनाने के लिये शहर में कई विकास कार्य किये जा रहे है। इन विकास कार्यो से जहां एक ओर अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर बेहतर सेवाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं, तो वहीं पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी विशेष ख़्याल रखा जा रहा है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर विकास को लेकर कई ऐसी परियोजनाएँ हैं जिनसे पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता झलकती है।  सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी एक ज़िम्मेदार संस्था के रुप में, पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन कर रही है। और स्मार्ट सिटी की अधिकांश योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण के लिये विशेष प्रयास किये गये है। ताकि शहर को एक ग्रीन स्पेश के साथ साथ स्वच्छ और सुंदर शहर का दर्जा प्राप्त हो सके। श्रीमती सिंह ने बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी ने हेरिटेज रिस्टोरेशन तथा उनके अडैप्टिव री-यूज के माध्यम से नये निर्माण से पर्यावरण को होने वाली हानि व संसाधनों के अनावश्यक दुरुपयोग को भी न्यूनतम किया है। मोती महल स्थित कमांड कंट्रोल सेंटर, गोरखी स्थित डिजिटल म्यूजियम, महाराज बाड़ा स्थित डिजिटल लाइब्रेरी इसके जीवंत उदाहरण हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से पर्यावरण को बिना क्षति पहुँचाए, उपलब्ध संसाधनों को सहेज आनेवाली पीढ़ियों के उपयोग लायक़ बनाया गया है। हेरिटेज भवनों के पुनर्विकास में पुरानी निर्माण शैली जिसमें गुड़, दाल, चूना इत्यादि प्रक्रतिक वस्तुओं का उपयोग को अपनाया गया है। इन भवनों में मौसम के अनुसार स्वतः ही राहत मिलती है जिससे कृत्रिम यंत्रो जैसे एयर कंडिशनर, हीटर आदि द्वारा होने वाली खपत में काफ़ी कमी आती है। पर्यावरण की दृष्टि से यह सार्थक है।
श्रीमती सिंह ने बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी की भविष्यगामी योजनाओं में भी इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि ऊर्जा खपत न्यूनतम व जहां तक सम्भव हो, प्राकृतिक हो।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा संचालित ड्रीम हैचर इंक्युबेशन सेंटर भविष्य के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने व उनके कौशल को विकसित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। ऐसे स्टार्ट अप जो पर्यावरण संरक्षण से जुड़े उत्पाद, तकनीक या सेवा का विकास कर रहे हैं उनको ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा प्राथमिकता दी जा रही है। इसके उदाहरण हैं:
– अख़बार के काग़ज़ से बनने वाली तुलिका पेंसिल ।
– ऑर्गैनिक मशरूम उगाने वाली संस्था वी॰एन॰ ऑर्गैनिक ।
– पेट्रोल से चलने वाले पुराने दो पहिया को इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने वाला सिस्को टेकनियो
– कबाड़ से खाद उत्पादन करने वाला फ़ेज़रटेक
– उद्यमी प्रशांत गर्ग द्वारा विकसित किया गया सौर ऊर्जा से चलने वाला सोलर ई रिक्शा
स्मार्ट पार्क व स्मार्ट खेल मैदान
शहरी क्षेत्र में विकसित किए गए ग्रीन स्पेसेज़ में अहम हैं नेहरु पार्क, लेडीज़ पार्क तथा शिवाजी पार्क। हरियाली से भरे ये पार्क घनी बसाहट बे बीच बने हैं तथा आसपास के रहवासियों से किसी वरदान से कम नहीं हैं। स्वच्छ वातावरण प्रदान करते ये पार्क लोगों को पर्यावरण के समीप लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा एमएलबी कॉलेज, जीआरएमसी तथा छत्री मैदान में भी अत्याधुनिक खेल मैदान का विकास ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा किया गया है। इन विशाल मैदानों में ग्रीनरी के साथ साथ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का विशेष ध्यान रखा गया है जिससे भूमिगत सल संचयन में लाभ मिलेगा जो पर्यावरण के लिए अहम हैं।
स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइट
शहर में अत्याधुनिक तकनीक की स्ट्रीट लाइट ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई जा रही हैं। विद्युत खर्च में बचत के अलावा ऊर्जा खपत में जो कमी आएगी वह पर्यावरण संरक्षण में निश्चित रूप से सहायक होगी।
पब्लिक बाइक शेयरिंग
ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा संचालित पब्लिक बाइक शेयरिंग शहरवासियों के बीच ख़ासी लोकप्रिय है। इस परियोजना से शहरवासियों को ना सिर्फ़ एक यातायात का एक किफ़ायती व स्वास्थ्यवर्धक विकल्प प्रदान किया है, साथ ही यह पर्यावरण को बेहतर करने में भी अहम है। यदि आँकड़ों की बात की जाए तो पिछले माह तक 73000 किलो कार्बन इमिशन को इस परियोजना के माध्यम से कम किया गया है जो सराहनीय है।

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