चिटफंड कंपनी के 6 संचालकों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण (एफआईआर) दर्ज करने के आदेश।
भोपाल:- राज्य शासन के निर्देशानुसार होशंगाबाद जिले में भू-माफिया, राशन माफिया, चिटफंड कंपनियों एवं अन्य चिन्हित अपराधों के खिलाफ लगातार कठोर कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री धनजंय सिंह द्वारा वित्तीय लेन-देन में गड़बड़ी करने वाली चिटफंड कंपनी एसएलडीआई इन्फ्राकान लिमिटेड के विरूद्ध बड़ी कार्यवाही की गई है। न्यायालय कलेक्टर होशंगाबाद ने जिले के इटारसी शहर में संचालित उक्त चिटफंड कंपनी की विभिन्न जिलों एवं प्रदेश में स्थित संपत्तियों की कुर्की करने तथा कंपनी के 6 संचालकों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण (एफआईआर) दर्ज करने के आदेश पारित किए हैं। न्यायालय कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा मध्यप्रदेश में निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत चिटफंड कंपनी के विरूद्ध कार्रवाई की गई है।
चिटफंड कंपनी एसएलडीआई इन्फ्राकान लिमिटेड की विभिन्न जिलों एवं प्रदेशों में स्थित संपत्तियों की कुर्की के पश्चात नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि से होशंगाबाद में कंपनी की तीन पॉलिसियों का आकलन एवं सत्यापन के अनुसार 12 लाख 87 हजार 720 मय ब्याज 12 प्रतिशत से वसूली की जाएगी।
पूरे प्रकरण में होशंगाबाद जिले के इटारसी शहर के मालवीय गंज निवासी श्रीमती आशारानी श्रीवास्तव एवं राजकुमार श्रीवास्तव द्वारा एसएलडीआई इन्फ्राकान लिमिटेड कंपनी, पंजीकृत कार्यालय खमपुर मैन पटेल रोड नई दिल्ली एवं कंपनी के 6 संचालकों श्री अनिल कुमार जैन, दिलीपकुमार जैन, मंगला प्रसाद विश्वकर्मा, गिरिराज सिंह सोलंकी, प्रदीपकुमार सिंह, अनुज सिंह सेंगर के विरुद्ध उनकी जमाराशि नियत समय में वापस नहीं करने की शिकायत की गई थी। न्यायालय कलेक्टर द्वारा समस्त पक्षों की सुनवाई उपरांत कंपनी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है।
न्यायालय कलेक्टर द्वारा एसएलडीआई इन्फ्राकान लिमिटेड कंपनी से ब्याज सहित वसूली के साथ ही निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के तहत प्रत्येक अनावेदक कंपनी पर 1 -1 हजार रुपए का जुर्माना करने तथा प्रत्येक डायरेक्टर को तीन-तीन माह की सजा एवं पूर्व तथा वर्तमान डायरेक्टर के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा जिले में आमजनों से वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध लगातार प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। जिले में पूर्व में भी 6 चिटफंड कंपनी संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई थी।