प्रदेश में शराब सिंडिकेट हावी, दुकानों पर वसूल रहे हैं अधिक दाम।
ग्वालियर:- सुरा प्रेमियों को इन दिनों अपना गला तर करने के लिए शराब की दुकानों पर एमआरपी से अधिक दाम चुका कर शराब खरीदना पड़ रही है, यह हाल प्रदेश के अधिकांश शहरों में शराब की दुकानों पर चल रहा है। आबकारी विभाग और शराब सिंडीकेट की मिलीभगत के कारण शराब ठेकेदार दुकानों पर शराब प्रिंट रेट से अधिक दामों पर बेच रहे हैं। इतना ही नहीं शराब की कई दुकानों पर तो रेट सूची तक नहीं लगी है, जबकि नियमानुसार शराब की दुकानों पर रेट सूची चस्पा करना जरूरी है । हालत यह है कि 75 अधिकतम मूल्य वाली देसी शराब का पव्वा 90 रूपए तक में बेचा जा रहा है।ग्वालियर अंचल के भिंड लहार दमोह ग्वालियर मुरैना सबलगढ़ अंबाह इलाकों में शराब की दुकानों पर देशी शराब का पव्वा 90 रुपये में खुले आम बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं शराब की दुकानों पर शराब खरीदने के बाद बिल भी नहीं दिया जा रहा है जबकि आबकारी विभाग के नियमानुसार शराब खरीदने वाला अगर दुकानदार से बिल मांगता है तो उसे बिल देना होगा लेकिन ठेकेदार खुलेआम आबकारी नियमों का उल्लंघन कर अपनी जेब भर रहे हैं। प्रदेश में इस समय सरकार की कृपा से शराब सिंडिकेट पूरी तरह से हावी है और आबकारी विभाग की मिलीभगत से शराब सिंडीकेट खुलेआम शराब प्रेमियों को लूट रहा है। इस सिंडिकेट को शिवहरे एंड कंपनी चला रही है जो शराब प्रेमियों से मनमानी कीमत वसूल रही है। मध्य प्रदेश में जो शराब की बोतल 1000 रूपये की मिल रही है वहीं उत्तर प्रदेश में 600 या 700 में बिक रही है जिसके चलते शराब तस्कर भी सक्रिय हो गए हैं।और उत्तर प्रदेश से शराब लाकर मध्यप्रदेश में उसकी तस्करी की जा रही है। शराब की दुकानो पर भी इस तरह की शराब की सेल खुले आम हो रही है। लेकिन आाबकारी विभाग इस बारे मे मौन साधे बैठा है।
शराब कारोबार से जुड़े पुराने ठेकेदारों की माने तो इस समय सिंडीकेट दुकानों पर शराब कीमनमानी कीमत वसूल कर मोटा मुनाफा कमा रहा है। बदले में सिंडीकेट आबकारी विभाग को भरपूर सेवा शुल्क अदा कर रहा है जिसका बंटवारा अधिकारियों और नेताओं के बीच हो रहा है।