RTO पर राज्य सूचना आयोग द्वारा 25000 का जुर्माना।
भोपाल:- राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह द्वारा अवर मुख्य सचिव परिवहन एसएन मिश्रा को निर्देशित किया है कि जिले के सभी आरटीओ कार्यालय में सूचना के अधिकार अधिनियम के अनुरूप 17 बिंदुओं का मैनुअल धारा 4 के तहत जनता के लिए तत्काल उपलब्ध कराया जाए। जिले के कार्यालय में किस अधिकारी और कर्मचारी के क्या कर्तव्य है? कितने बजे आफिस खुलेगा, कितने बजे बंद होगा, विभाग के विभिन्न शाखाओं का क्या काम है? इसी तरह की 17 बिन्दुओ की जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम में कार्यलय द्वारा आम जनता के लिए तैयार रखी जाती। इन जानकारियों को समय-समय पर अपडेट कर जनता को वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है ताकि जनता को कम से कम सूचना के अधिकार का उपयोग करना पड़े। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में लागू होने के 120 दिनों के भीतर सभी कार्यालय में जहाँ लोक सूचना अधिकारी है वहाँ ये 17 मैन्युअल की जानकारी जनता को स्वतः उपलब्ध कराने का प्रावधान है। सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि ये अत्यंत खेद का विषय है कि जो जानकारी 2005 में उपलब्ध करानी थी वो 2020 तक आम आदमी की पहुँच से दूर है।
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने रीवा में चोरी हुई एक एक मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन की जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने और गोलमोल जवाब देने पर रीवा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनीष त्रिपाठी के विरुद्ध ₹ 25000 का ज़ुर्माना किया। त्रिपाठी ने पहले कहा फाइल दीमक खा गई। फिर कहा बाढ़ में नष्ट हो गयी उसके बाद कहा गुम गयी। दोबारा जब पूछा गया तो जंवाब था कि पुरानी होने से फाइल नष्ट कर दी गयी। सभी दस्तावेज़ो की जांच कर बाद जब सिंह ने गुम होने या नष्ट होने के रिकॉर्ड के दस्तावेज़ मांगें तब त्रिपाठी के झूठ से पर्दा उठ गया। जबकि आवेदक ने अन्य किसी तरह से इसी फाइल की कॉपी प्राप्त कर ली थी। सिंह ने जुर्माने की राशि वसूलने के आदेश देंते हुए त्रिपाठी की सर्विस बुक में इसकी एंट्री करने के निर्देश भी दिए है। साथ ही सिंह ने त्रिपाठी से धारा 4 के तहत जानकारी के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि जानकारी तैयार पर जब राज्य सूचना आयुक्त ने जानकारी तलब की तो पता चला कि कोई जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नही हैं। इस पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए सिंह ने सभी जिलों में धारा 4 के परिपालन में आम जनता के लिए जानकारी तैयार रखने के निर्देश जारी किये है। साथ ही राज्य सूचना आयुक्त ने त्रिपाठी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए भी एस एन मिश्रा मुख्य अवर सचिव को निर्देशित किया है।
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का कहना है कि आम जनता धारा 18 के तहत सीधे आयोग को निशुल्क शिकायत कर सकते है अगर धारा 4 के तहत इन 17 बिन्दुओ की जानकारी उनको स्वतः उपलब्ध नहीं कराई जाती है। जानकारी उपलब्ध नही करने पर लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध 25000 रुपये का जुर्माना या अनुशासनिक कार्रवाई की जाती है।