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Homeअंचलग्वालियरविश्व हृदय दिवस; बायपास के लिए रैफर मरीज को एंजियोप्लास्टी से बचाया, डॉ. गौरव कवि भार्गव ने।

विश्व हृदय दिवस; बायपास के लिए रैफर मरीज को एंजियोप्लास्टी से बचाया, डॉ. गौरव कवि भार्गव ने।

विश्व हृदय दिवस; बायपास के लिए रैफर मरीज को एंजियोप्लास्टी से बचाया, डॉ. गौरव कवि भार्गव ने।

ग्वालियर:-  दो सप्ताह पूर्व मरीज सियाराम रावत, उम्र 53 वर्ष श्योपुर को छाती में दर्द, घबराहट और पसीने के साथ जयारोग्य अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती किया गया था। मरीज को अर्जेन्ट एंजियोग्राफी के लिए करीब आठ बजे विभाग में लिया गया था। जिसमें लेफ्ट मैन डिसीज 99 प्रतिशत ब्लॉकेज निकला।
इस मरीज को अर्जेन्ट बायपास करने के लिए रात 8:30 दिल्ली रैफर किया गया, क्योंकि ऐसे में एंजियोप्लास्टी में जान जाने का खतरा रहता है। मरीज दिल्ली जाने के लिए एम्बुलेंस में चढ़ रहा था, तभी शिफ्ट करने से पहले एक दम कार्डियक अटैक आ गया, फिर मरीज को दिल्ली न भेजते हुए तुरंत सीपीआर करना पड़ा। सीपीआर के बाद मरीजों के परिजनों को एंजियोप्लास्टी की रिस्क व फायदे बताकर रात 10:30 बजे जानकारी दी। क्योंकि इसमें 80 प्रतिशत के करीब जान का खतरा रहता है। परिजनों की लिखित सहमति के बाद डॉक्टर ने मरीज की सफल एंजियोप्लास्टी कर दी जिसके बाद उसे दूसरे दिन ही आराम मिल गया। आराम के दो दिन बाद छुट्टी हो गई।
जयारोग्य अस्पताल के डीएम कार्डियोलॉजी डॉ. गौरव कवि भार्गव के अनुसार दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं होती। महिलाओं में हृदय रोग की संभावनाएं ज्यादा होती हैं, बावजूद इसके वे इस बीमारी के जोखिमों को नजअंदाज कर देती हैं। इसलिए विश्व हृदय दिवस लोगों में यह भावना जागृत करता है कि वे हृदय की बीमारियों के प्रति सचेत रहें। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में पिछले दो साल में एक वर्ष बिरला हॉस्पीटल और उसके बाद जयारोग्य अस्पताल में कुल 950 एंजियोप्लास्टी किए हैं।

हार्ट अटैक से बचने के बताए उपाय
डॉ. गौरव कवि भार्गव ने कहा कि वर्तमान समय में अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण एवं अन्य कारणों के चलते हृदय की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है। पूरे विश्व में हृदय के प्रति जागरूकता पैदा करने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालने के मकसद से ही दुनियाभर में हर समय विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का एकमात्र कारण लोगों में दिल की बीमारियों के प्रति जागरुकता फैलाना है।

जरूरत से ज्यादा तनाव नहीं ले
डॉ. गौरव कवि भार्गव ने बताया कि अगर हमें दिल की बीमारी से बचना है तो जरूरी है कि हमे हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी हो। बाहर का खाना जैसे फास्ट फूड, जंक फूड, शराब का सेवन, अतिरिक्त वसा वाला भोजन, शारीरिक गतिविधियों में भाग न लेना, जरूरत से ज्यादा तनाव पालना आदि दिल की बीमारी के मुख्य कारण होते हैं। क्योंकि जब हृदय ठीक से पंप नहीं कर पाता है तो हमें हृदय की बीमारी घेरने का खतरा बन जाता है।
उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के लक्षण हर शरीर में अलग-अलग तरीके के होते हैं। कुछ लोगों के सीने में धीमा दर्द उठता है जबकि कुछ लोगों को एकदम से तीव्र दर्द होता है। हार्ट अटैक आने से पहले चेतावनी के तौर पर सीने में हल्का दर्द होता है या सीने में हल्का दबाव महसूस होता है जो थोड़े बहुत आराम से सही हो जाता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सीने में होने वाले दर्द या दिल की तकलीफ को हलके में नहीं लेना चाहिए। जब भी ऐसी कोई परेशानी महसूस हो तो तुरंत ही मेडिकल उपचार करवाना चाहिए।

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