a
Copyright Hindustan Media Diary
फारेस्ट रेंजरो के पदस्थापना आदेश जारी, देखें सूची?-भारतीय वन सेवा के आधिकारियों के तबादले!-अनियमितता एवं गंभीर लापरवाही के चलते 4 इंजिनियर निलंबित!-सिविल सर्जन को हटाने के लिए कलेक्टर ने लिखा स्वास्थ्य आयुक्त को पत्र!-प्रदूषण नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग की व्यवस्था के साथ आरव्हीसीएफ सेंटर शुरू!-निगमायुक्त ने कार्य व्यवस्था के चलते कर्मचारियों/आधिकारियों के मध्य किया कार्य विभाजन!-राज्य पुलिस सेवा के आधिकारियों के तबादले!-सहायक यंत्री का एक माह का वेतन राजसात करने के लिए नोटिस जारी!-अनियमितता, लापरवाही और उदासीनता बरतने पर चिकित्सा अधिकारी निलंबित!-IPS आधिकारियों के तबादले, देखें सूची?
Homeभोपालएलोपैथी न हौम्योपैथी सबसे कारगर सिम्पैथी:- डॉ नरोत्तम मिश्रा

एलोपैथी न हौम्योपैथी सबसे कारगर सिम्पैथी:- डॉ नरोत्तम मिश्रा

एलोपैथी न हौम्योपैथी सबसे कारगर सिम्पैथी:- डॉ नरोत्तम मिश्रा

भोपाल:-  चिरायु अस्पताल में कोरोना संक्रमित 108 मरीजों के स्वस्थ होने और घर रवानगी पर अपनी शुभकामनाएँ देते हुए गृह, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने अपेक्षा जताई कि वे सभी समाज के लिये मिसाल बनेंगे। कोरोना को हराने में वे मार्गदर्शन करेंगे। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि न एलोपैथी न हौम्योपैथी सबसे अधिक कारगर है सिम्पैथी। उन्होंने कहा कि कोरोना से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। आवश्यकता है सावधानी रखने की और कोरोना चक्र को तोड़ने की। उन्होंने चिरायु अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ सहित सभी कोरोना योद्धाओं की सराहना की। मंत्री डॉ. मिश्रा ने प्रसन्नता व्यक्त की कि चिरायु अस्पताल एक हजार से अधिक मरीजों को स्वस्थ कर सकुशल घर भेजने वाला देश का प्रथम अस्पताल बन गया है।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना असाध्य बीमारी नहीं है। हम सावधानी रखकर इसे आसानी से हरा सकते हैं। हमें कोरोना के मरीजों के उपचार के साथ ध्यान देने, उन्हें आराम देने और प्यार देने की जरूरत है। सबसे सरल और आसान उपाय अपनापन और प्यार के साथ बीमारी का उपचार करना है। कोरोना स्वयं कोई मारक रोग नहीं है। यह घातक तब हो जाता है, जब मरीज किसी अन्य बीमारी से भी ग्रसित हो। उन्होंने कोरोना पीड़ितों से अपने आत्मबल को मजबूत बनाने की अपील की, जिससे कोरोना को आसानी से हराया जा सके। मंत्री डॉ. मिश्रा ने चिरायु अस्पताल के सीएमडी डॉ. अजय गोयनका की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि आज देश में ऐसा कोई अस्पताल नहीं है जहाँ इतनी अधिक संख्या में मरीजों के भर्ती होने के बाद एक प्रतिशत से भी कम की मृत्यु दर दर्ज की गई हो। उन्होंने कहा कि यह डॉ. गोयनका और उनकी टीम के निरंतर अथक परिश्रम का प्रतिफल है।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि स्वयं खाना प्रकृति है, छीनकर खाना विकृति है, भूखे रहकर दूसरों को खिलाना हमारी संस्कृति है। कोरोना संक्रमण के दौरान जिस प्रकार से लोगों ने अपनी सेवाएँ दी हैं वह अकल्पनीय है। सभी ने हर स्तर पर हर संभव मदद की है। भारतीय संस्कृति से ही हम कोरोना को हराने में सफल हुए हैं। तुलसी की चाय हो या काली मिर्च का काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कारगर उपाय है। कोरोना का प्रभाव अब-तक गाँवों में असर नहीं दिखा पाया है। कोरोना का असर शहरी क्षेत्रों में ही दिखाई दिया है। यह सब भारतीय संस्कृति का प्रभाव है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि सावधानियाँ नहीं बरतने पर कोराना का असर हुआ है। गाँव में सावधानियाँ बरती जा रही हैं और कोरोना बेअसर हो रहा है।

Share With:
Rate This Article

hindustanmediadiary@gmail.com

No Comments

Leave A Comment