आयुर्वेदिक औषधियाँ बचाएंगी वैश्विक महामारी से।
भोपाल:- प. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर ये रोग प्रतिरोधक दवाएं बाँटने के लिए कहा है। श्वसन तन्त्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाली ये औषधियाँ विभिन्न अध्ययन और परीक्षण से गुजर चुकी हैं। लॉकडाउन अवधि में इन आयुर्वेदिक दवाओं, जड़ी-बूटियों के प्रयोग, व्यक्तिगत सुरक्षा और एन्टीबायटिक तुरंत ही ले लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण से अस्पतालों में मरीजों की संख्या और सामान्य मृत्यु दर घटी है। कई बीमारियाँ आधुनिक दवाइयों के साइड इफेक्ट की भी देन हैं।
संशमनी वटी में मुख्य रूप से गिलोय होती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ बुखार, सर्दी-जुकाम में उपयोगी है। त्रिकटु चूर्ण में सोंठ, पीपली और कालीमिर्च शामिल है जिसका काढ़ा सर्दी-जुकाम में काफी असरदार है। अणुतेल संक्रमण की रोकथाम में बहुत कारगर सिद्ध हुआ है। इसके निर्माण में तिल तेल, नागरमोथा, वायविडंग, कटकारी, इलायची, खस, मुलैठी, दारूहल्दी, तेजपत्ता, देवदारू, दालचीनी, शतावर, जीवन्ती आदि का उपयोग किया जाता है। अणुतेल साइनस, नाक बहना, एलर्जी, नाक एवं गले के शुष्कपन (ड्रायनेस) की रोकथाम करता है।