कोरोना के संभावित मरीज को बिना सूचना के भिजवाने का मामला; कलेक्टर ने किया कारण बताओ नोटिस जारी।
बालाघाट:- कोरोना वायरस के संभावित मरीज को जिला प्रशासन को सूचित किये बगैर गोंदिया रेफर किये जाने का मामला सामने पर कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने कड़ा रूख अपनाते हुए श्री सांई कृपा चतुरमोहता हास्पिटल बालाघाट के संचालक डॉ सी एस चतुरमोहता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके विरूद्ध मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य अधिनियम के उल्लंघन के लिए कार्यवाही की जाये। डॉ चतुरमोहता को तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा गया है। समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एक पक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।श्री सांई कृपा चतुरमोहता हास्पिटल बालाघाट में 06 अप्रैल 2020 की शाम को सर्दी-खांसी से पीड़ित महिला श्रीमती मीरा नागेश्वर को जांच के लिए लाया गया था। महिला में सर्दी-खांसी के सामान्य लक्षण थे, जो कि कोरोना वायरस COVID-19 के संक्रमण के भी हो सकते है। श्री सांई कृपा चतुरमोहता हास्पिटल बालाघाट में इस महिला की जांच के बाद उसे उपचार के लिए गोंदिया (महाराष्ट्र) हास्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया है। जबकि वर्तमान में कोरोना वायरस COVID-19 के समुदाय संक्रमण के प्रकरण विभिन्न शहरों में मिल रहे है। अत: ऐसे प्रकरणों में एडवांस कान्टेक्ट ट्रेसिंग की जाना अत्यंत आवश्यक है।कलेक्टर श्री आर्य एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर सी पनिका इंडियन मेडिकल एसोसियेशन (IMA) की बैठक में जिले के सभी प्रायवेट अस्पतालों के संचालकों को ऐसे प्रकरणों में जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को अविलंब सूचित करने कहा गया है। इसके बाद भी श्री सांई कृपा चतुरमोहता हास्पिटल बालाघाट द्वारा संदिग्ध मरीज के संबंध में जिला प्रशासन को सूचना दिये गये बगैर गोंदिया के लिए रेफर कर दिया गया है। यह मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। जिसके कारण श्री सांई कृपा चतुरमोहता हास्पिटल बालाघाट के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है।