पापा, मम्मी शब्दों को सुनकर माता पिता बहुत हर्षित हुए।
ग्वालियर:- प्रदेश में आमजन को स्वास्थ्य सेवा बेहतर मिले इसके लिए सरकार द्वारा स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जन्म से मूकबधिर बच्चों के निःशुल्क इलाज हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना संचालित की जा रही है। इस योजना से मूकबधिर बच्चों में शासकीय खर्चे से आॅपरेशन कर कॉकलियर इम्प्लांट किया जाता है, जिससे बच्चे बोलने एवं सुनने लगते हैं। इसी योजना का लाभ उठाकर शहर के विपिन बिहारी शर्मा का 3.5 वर्षीय पुत्र देवाशीष शर्मा अब बोलने व सुनने लगा है। शासन की इस महती योजना से देवाशीष के नीरस जीवन में रस घुल गया है। अब वह सभी को सुन सकता है तथा अपनी बात सभी को कह पा रहा है। देवाशीष के मुख से पापा, मम्मी शब्दों को सुनकर उसके माता पिता बहुत हर्षित हैं।
चार शहर का नाका हजीरा पर निवास करने वाले विपिन बिहारी शर्मा के इकलोते पुत्र को जन्म से ही सुनाई नहीं देता था साथ ही वह बोल भी नहीं पाता था। वकालत का कार्य करने वाले विपिन बिहारी शर्मा अपने बेटे का इलाज का बडा खर्चा उठाने में सक्षम नहीं थे। फिर भी उन्होने कई डॉक्टरों को दिखाया सभी ने मंहगा इलाज बताया साथ ही कहा कि बेटे को जिला चिकित्सालय में एक बार दिखा लो। जिस पर विपिन बिहारी ने बेटे को जिला चिकित्सालय मुरार में चिकित्सकों को दिखाया उनहोने बेटे देवाशीष के सभी परीक्षण कर पाया कि देवाशीष एक कान से 15 प्रतिशत सुन पाता है तथा दूसरे से बिलकुल भी नहीं सुन पाता है। जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने देवाशीष का इलाज मुख्यमंत्री बाल श्रवाण योजना के अंतर्गत कराने के लिए कहा।
श्री शर्मा ने बेटे देवाशीष की सभी जांच करवाकर बिरला हाॅस्पीटल में भर्ती किया। जहां बेटे देवाशीष का सफल ऑपरेशन हुआ। सारा खर्चा मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के तहत किया गया। बेटे को निशुल्क ऑपरेशन से कॉक्लीयर इम्प्लांट लगाये गए। अब बेटा सुन भी रहा है और बोल पा रहा है। साथ ही इस योजना के तहत बच्चों की 100 दिन की थेरेपी भी फ्री होती है। श्री विपिन बिहारी शर्मा ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे जीवन में मुख्यमंत्री जी के कारण द्वारा खुशियां लौट आई है। बेटे देवाशीष का जीवन संवर गया वह अब सुन और बोल पाता है, और सारा दिन खेलने में बिता देता है।