अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर “बिटिया उत्सव” का आयोजन।
ग्वालियर:- महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से ग्वालियर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 5 मार्च से 8 मार्च तक “बिटिया उत्सव” का आयोजन जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार में किया जा रहा है। “बिटिया उत्सव” का शुभारंभ गुरूवार को प्रात: 11 बजे वरिष्ठ पत्रकार सुश्री अमृता राय के मुख्य आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पत्रकार सुश्री सर्वप्रिया सांगवान उपस्थित थीं।
ग्वालियर में पिछले पाँच वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर “बिटिया उत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव के दौरान विभिन्न नाटकों, परिचर्चाओं एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सुश्री अमृता राय ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और बेटियों के लिंगानुपात को बराकर रखने के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से “बिटिया उत्सव” का आयोजन किया जाना एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि शासकीय प्रयासों के साथ-साथ महिला सशक्तिरण के लिये लोगों की सोच में बदलाव आना आवश्यक है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री अमृता राय ने कहा कि बेटियों को पढ़ने-लिखने और काम करने की स्वतंत्रता देना ही पर्याप्त नहीं है। बल्कि महिलाओं की स्वतंत्र सोच को भी बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बेटियों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आज बेटों को भी संस्कारवान बनाना जरूरी है।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित पत्रकार सुश्री सर्वप्रिया सांगवान ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं की स्थिति में काफी सुधार आया है। आज लड़कियां हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुकी हैं। सामाजिक बदलाव के इस दौर में महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं की बराबर भागीदारी भी इंगित हुई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी अपने अधिकारों को पहचानकर उसका न केवल उपयोग करना चाहिए बल्कि अपनी उपयोगिता भी समाज में सिद्ध करना जरूरी है।
कार्यक्रम में उपस्थित ग्वालियर पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भसीन ने कहा कि ग्वालियर में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये आयोजित किया जा रहा “बिटिया उत्सव” विभाग का सराहनीय कदम है। ग्वालियर-चंबल संभाग में बेटा-बेटियों के लिंगानुपात को बराकर करने के लिये अनेक प्रयास शासन-प्रशासन द्वारा किए जाते रहे हैं। इस दिशा में सामाजिक बदलाव के लिये समाज के हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है। लिंगानुपात को ठीक रखने के लिये कानूनी प्रावधानों के तहत भी कार्रवाई निरंतर की जाती है। पुलिस अधीक्षक श्री भसीन ने कहा कि केवल कानूनी कार्रवाई से ही इस समस्या को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता। इसमें समाज के लोगों की सोच में परिवर्तन भी आवश्यक है।