ग्वालियर शहर एक नवरत्न के रूप में देश ही नहीं बल्कि विश्व के मानचित्र पर उभरे:- श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया
ग्वालियर:- पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर शहर एक नवरत्न के रूप में है। इसका स्मार्ट सिटी के रूप में और निखार हो। जिससे ग्वालियर देश का ही नहीं बल्कि विश्व के मानचित्र पर उभर सके। पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को मोतीमहल परिसर में ग्वालियर स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कार्यों के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
श्रीमंत सिंधिया ने समारोह में 30.86 करोड़ की लागत से निर्मित एकीकृत कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर, मोतीमहल प्रवेश द्वार का लोकार्पण कर एक करोड़ 8 लाख रूपए की लागत की सात नवीन बसें जनता को समर्पित कीं। सिंधिया ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ग्वालियर का इतिहास एक संग्रहालय के रूप में रहा है जो किसी भी शहर में देखने को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में विभिन्न समाज के शासकों ने दस्तक दी, जिसमें तोमर वंश, मुगल सम्राट, मराठा सम्राट, जाट सम्राट शामिल है, जो देश में कहीं देखने को नहीं मिलती। ग्वालियर मिनी गुलदस्ता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में आर्किटेक्चर भी ऐतिहासिक रहा है। ग्वालियर में मानसिंह का किला, गूजरी महल, दक्षिण वास्तुकला का तेली का मंदिर, सास बहू का मंदिर और किले पर दाताबंदी गुरूद्वारा भी स्थित है। इसके साथ ही गोरखी का मंदिर, मोतीमहल, जयविलास पैलेस, ऊषा किरण पैलेस में सिंधिया वंश की छाप देखने को मिलती है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत सिंधिया ने कहा कि शहर के नागरिकों का दायित्व है कि ग्वालियर की संस्कृति व आर्किट्रेक्चर का हम संरक्षण एवं संवर्धन करें, जो भावी पीढ़ी के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सिंधिया राजवंश ने सबसे पहले गोरखी, मोतीमहल और जयविलास का निर्माण किया। बाद में मोतीमहल को शासकीय कार्यालयों के लिए दे दिया गया। उन्होंने कहा कि मोतीमहल जो धीरे-धीरे अपना वैभव खो रहा है, इस धरोहर को स्मार्ट सिटी एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आधुनिक बनाकर जनता को समर्पित किया है।